लखनऊ। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार ने केग को विभिन्न अथाॅरिटीज़ का आॅडिट करवाने की मांग की है। उन्होंने नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना अथाॅरिटी के यूपीएसआईडीसी, उत्तरप्रदेश स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट काॅर्पोरेशन का आॅडिट करवाने की मांग की है। इस तरह के पत्र मुख्य सचिव इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट आलोक सिन्हा की ओर से लिखा गया। माना जा रहा है कि आॅडिट कार्य में कई नेता फंस सकते हैं। भारतीय जनता पार्टी द्वारा लोककल्याण संकल्प पत्र को लेकर वादा किया गया था। यह भी कहा गया कि यदि नोएडा, ग्रेटर नोएडा अथाॅरिटी का आॅडिट किया गया। संभावना है कि अधिकारी व नेता इसमें फंस सकते हैं। अथाॅरिटी के चीफ इंजीनियर यादव सिंह स्वयं मामूली पद पर होने के बावजूद अकूत संपत्ति के मालिक थे। वर्ष 2013 व 2014 में इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट के प्रमुख सचिव एक्स आईएएस सूर्य प्रताप सिंह द्वारा कहा गया कि अथाॅरिटी में सबसे बड़ा घोटाला जमीन के कन्वर्जन में हुआ। तत्कालीन मुख्य सचिव ने आॅडिट करने से इन्कार कर दिया था। उनका कहना था कि तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव उनसे नाराज़ हैं। मिली जानकारी के अनुसार सूर्य प्रताप सिंह द्वारा कहा गया कि सीएम योगी सरकार पर दबाव बना हुआ है। मिली जानकारी के अनुसार सूर्यप्रताप सिंह का कहना था कि जो अधिकारी हैं और आईएएस कैडर के हैं उन्हें तो वेतन मिलता है मगर अथाॅरिटी बनने पर सरकार मदद नहीं करती है। अथाॅरिटी को बैंक ही ऋण दिया करते हैं। मिली जानकारी के अनुसार सोशल एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर ने इंडस्ट्रियल अथाॅरिटी के ही साथ उत्तरप्रदेश इंडस्ट्रिलय डेवलपमेंट काॅर्पोरेशन की कैग आॅडित जांच करवाने की मांग भी की गई। जहरीली शराब के सेवन से 7 मौत, CM योगी ने CO सहित 3 पुलिसकर्मियो को किया सस्पेंड CM योगी आदित्यनाथ सरकार ने पेश किया अपना पहला बजट योगी आदित्यनाथ सरकार ने किए 25 अधिकारियों के तबादले