योगी सरकार का कमाल, आधार कार्ड की मदद से बचा लिए 8000 करोड़ रुपए, जानिए कैसे

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने आधार कार्ड की सहायता से 8,000 करोड़ रुपये से अधिक की बचत की हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इसकी मदद से राज्य सरकार ने बीते नौ वर्षों में 79 लाख फर्जी लाभार्थियों को पकड़ा है. 12 अंकों के आधार नंबर को यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) जारी करता है. आधार कार्ड भारत में रहने वाले लोगों के लिए पहचान और घर के एड्रेस प्रूफ के रूप में काम करता है. इसका इस्तेमाल विभिन्न सरकारी विभाग डायरेक्ट बेनेफिट स्कीम (DBT) के लिए करते हैं.

UIDAI लाभार्थियों की फेस ऑथेंटिकेशन या बायोमेट्रिक जैसे थंप प्रिंट या रेटिना स्कैन की सहायता से पहचान में मदद करता है. रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश सरकार से मिले डेटा से पता चलता है कि सरकार ने आधार की सहायता से 79,08,682 फर्जी लाभार्थियों को लिस्ट से बाहर निकाला और कुल 8,062.04 करोड़ रुपये बचाए हैं. अधिकतर फर्जी लाभार्थियों को खाद्य और सिविल सप्लाई विभाग ने हटा दिया है. इस विभाग ने कुल 55.51 लाख फर्जी लाभार्थियों को लिस्ट से हटाया है, जिससे 7,065.10 करोड़ रुपये बचाए हैं. वहीं, बेसिक शिक्षा विभाग ने 17.31 लाख फर्जी लाभार्थियों को चिन्हित किया, जिससे करीब 174.95 करोड़ रुपये की बचत का लाभ मिला है.

इसी प्रकार सामाजिक कल्याण विभाग ने 2.92 लाख फर्जी लाभार्थी पकड़े हैं और इससे 296.38 करोड़ रुपये की बचत की हैं. जबकि, महिला कल्याण विभाग ने 2.7 लाख फर्जी लाभार्थियों को सूची से बाहर कर दिया है, जिससे 163 करोड़ रुपये की बचत हुई है. रिपोर्ट के अनुसार, UIDAI के लखनऊ कार्यालय से पता चला है कि 29 सितंबर 2010 को, आधार की शुरुआत के बाद से यूपी के 22.4 करोड़ लोगों ने खुद को बायोमेट्रिक ID सिस्टम में पंजीकृत किया है.

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