हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ऋषि पंचमी का पर्व मनाया जाता है। यह गणेश चतुर्थी के अगले ही दिन पड़ता है। इस वर्ष ऋषि पंचमी आज 1 सितंबर को है। ऋषि पंचमी को गुरु पंचमी, भाई पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। ऋषि पंचमी पर सप्तऋषियों की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. ऋषि पंचमी पर उपवास रखने से पापों से मुक्ति और ऋषियों का आशीर्वाद मिलता है। ऋषि पंचमी का पर्व मुख्य रूप से उन महान संतों के प्रति सम्मान, कृतज्ञता और स्मरण व्यक्त करने के रूप में मनाया जाता है, जिन्होंने समाज के कल्याण में बहुत योगदान दिया। आइये जानते हैं ऋषि पंचमी से जुड़ी कुछ जरूरी बातें। ऋषि पंचमी पूजा विधि ऋषि पंचमी के दिन सुबह जल्दी स्नान करने के बाद साफ वस्त्र धारण करें। घर पर साफ जगह पर चौकोर आकार का आरेख मंडल कुमकुम, हल्दी और रोली से तैयार करें. मंडल पर सप्तऋषि की मूर्ति स्थापित करें. फिर शुद्ध जल और पंचामृत छिड़कें. चंदन का टीका लगाएं। सप्तऋषि को पुष्प अर्पित करें। इसके पश्चात उन्हें पवित्र यज्ञोपवीत पहनाएं और सफेद वस्त्र भेंट करें. महिलाओं को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। पूजा के बाद महिलाओं को अनाज का सेवन नहीं करना चाहिए। Koo App सभी देशवासियों को ऋषि पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएंl #rishipanchami View attached media content - Som Parkash (@SomParkashBJP) 1 Sep 2022 Koo App समस्त देशवासियों को ऋषि पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं। View attached media content - Nitin Gadkari (@nitin.gadkari) 1 Sep 2022 Koo App कश्यपोत्रिर्भरद्वाजो विश्वोमित्रो गौतम:। जमदग्निर्वधर्य सप्तैते ऋषय स्मृता:।। भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाए जाने वाली ऋषि पंचमी के शुभ अवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। #ऋषिपंचमी #RishiPanchmi View attached media content - Gajendra Singh Shekhawat (@gssjodhpur) 1 Sep 2022 Koo App ऋषि पंचमी के पावन पर्व पर देवतुल्य ऋषिजनों के चरणों में कोटिश: प्रणाम एवं सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं। #ऋषिपंचमी #RishiPanchami_2022 View attached media content - Arjun Ram Meghwal (@ArjunRamMeghwal) 1 Sep 2022 ऋषि पंचमी व्रत का महत्व धार्मिक मान्यता के अनुसार, ऋषि पंचमी के दिन सप्त ऋषियों की विशेष पूजा (Worship) की जाती है।महिलाएं इस दिन उपवास रखती हैं और सुख, समृद्धि और शांति का कामना करती हैं। कहा जाता है कि किसी महिला से रजस्वला यानि महामारी के दौरान अगर कोई भूल हो जाती है तो ऋषि पंचमी का व्रत करने से उस भूल की माफी मिलती है. जैसा कि ऋषि पंचमी को भाई पंचमी भी कहते है. इस दौरान माहेश्वरी समाज में बहनें भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं। मथुरा: मुस्लिमों की बढ़ती आबादी हिन्दुओं के लिए खतरा, 90% होते ही... नशामुक्ति कार्यक्रम में शराब के लाभ और पीने का तरीका बताने लगे शिक्षा मंत्री सितंबर के महीनेमें तेजी से फैलते हैं ये रोग, जानिए नाम, लक्षण और बचाव के उपाय