'आप अहंकार में चूर हैं..', चुनावों के बीच निर्वाचन आयोग पर क्यों भड़की कांग्रेस?

नई दिल्ली: कांग्रेस ने हरियाणा चुनाव से जुड़ी अपनी शिकायतों को लेकर केंद्रीय चुनाव आयोग से मिले जवाबों पर असंतोष जाहिर किया है। पार्टी ने आयोग पर आरोप लगाया है कि उसने उनकी शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया और गोल-मोल जवाब दिए। कांग्रेस ने चुनाव आयोग के रवैये को अहंकार भरा बताते हुए कहा कि आयोग की ओर से हरियाणा चुनाव संबंधी शिकायतों पर स्पष्ट स्पष्टीकरण देने के बजाय ढुलमुल रुख अपनाया गया है। 

पार्टी ने चुनाव आयोग को लिखे तीन पन्नों के पत्र में कटाक्ष किया कि आयोग का व्यवहार ऐसा है मानो वह अपनी निष्पक्षता को समाप्त करने की दिशा में बढ़ना चाहता है। कांग्रेस का कहना है कि आयोग ने अपनी विश्वसनीयता बनाए रखने के बजाय खुद को क्लीन चिट दे दी है। पार्टी के नेताओं, जिनमें केसी वेणुगोपाल, अशोक गहलोत, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, अजय माकन, अभिषेक सिंघवी और अन्य नेता शामिल हैं, ने पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। चुनाव आयोग ने 29 अक्टूबर को कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि पार्टी बिना किसी आधार के संदेह पैदा कर रही है, जो मतदान और मतगणना जैसे संवेदनशील चरणों में अशांति फैला सकता है। आयोग ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पत्र भेजकर कहा था कि इस तरह की शिकायतें "तुच्छ और बेबुनियाद" हैं।

कांग्रेस ने जवाब में कहा कि उसने आयोग के पत्र का ध्यानपूर्वक अध्ययन किया है और इसे देखकर कोई आश्चर्य नहीं हुआ कि आयोग ने खुद को निर्दोष घोषित कर दिया। कांग्रेस ने आयोग के पत्र की भाषा और लहजे पर आपत्ति जताई और कहा कि आयोग को यह याद रखना चाहिए कि वह संविधान के तहत गठित एक जिम्मेदार निकाय है। पार्टी ने ईवीएम से जुड़ी अपनी शिकायतों का उल्लेख करते हुए कहा कि बैटरी से जुड़ी शिकायतों पर आयोग ने स्पष्टता प्रदान करने के बजाय भ्रम पैदा करने की कोशिश की। कांग्रेस का कहना है कि उनकी शिकायतों को गंभीरता से लेने के बजाय उन्हें नजरअंदाज किया गया और उनके सवालों का स्पष्ट उत्तर नहीं दिया गया।

5 अक्टूबर को हरियाणा में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 90 में से 48 सीटें जीतकर सरकार बनाई, जबकि कांग्रेस ने 37 सीटें जीतीं। कांग्रेस ने चुनाव के दौरान 26 विधानसभा क्षेत्रों के कुछ मतदान केंद्रों पर ईवीएम की बैटरी से संबंधित मुद्दों पर सवाल उठाए थे, जिसमें बैटरी का स्तर 99 प्रतिशत दिखा रहा था। कांग्रेस ने इस पर स्पष्टीकरण की मांग की थी, लेकिन उसे संतोषजनक उत्तर नहीं मिला।

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