कोलकाता: आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की जमानत याचिका को खारिज करते हुए सीबीआई की विशेष अदालत ने कहा है कि उनके खिलाफ लगे आरोप बेहद गंभीर हैं और अगर आरोप साबित होते हैं, तो उन्हें मृत्युदंड भी दिया जा सकता है। संदीप घोष और ताला पुलिस थाने के पूर्व प्रभारी अधिकारी अभिजीत मंडल को 9 अगस्त को एक सरकारी अस्पताल में एक डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में सबूतों से छेड़छाड़ और प्राथमिकी दर्ज करने में देरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। अदालत ने 25 सितंबर को आदेश दिया कि इस मामले की जांच प्रक्रिया तेजी से चल रही है। संदीप घोष की जमानत याचिका को खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि आरोप इतने गंभीर हैं कि अगर दोष सिद्ध हो जाता है, तो मृत्युदंड जैसी कठोर सजा हो सकती है, जो दुर्लभतम मामलों में दी जाती है। न्यायाधीश ने यह भी कहा कि संदीप घोष को जमानत देना न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन होगा और अन्यायपूर्ण होगा। अदालत ने अभिजीत मंडल की जमानत याचिका भी खारिज कर दी और दोनों आरोपियों की 30 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में रखने की सीबीआई की याचिका स्वीकार कर ली। घोष के वकील ने अदालत में दावा किया कि उन्हें इस मामले में झूठा फंसाया गया है और उन्होंने कोई ऐसा अपराध नहीं किया है। गौरतलब है कि आरजी कर अस्पताल के सेमिनार हॉल में एक स्नातकोत्तर प्रशिक्षु का शव गंभीर चोटों के साथ मिला था, जिसके बाद यह मामला सामने आया। इजराइल ने आतंकी हिजबुल्लाह का हेडक्वार्टर ही उड़ा दिया, नसरुल्लाह के भाई-बेटी समेत कई मरे शिया-सुन्नी में खुनी संघर्ष, 37+ की मौत, 150 से अधिक घायल राजा भोज की प्रतिमा के सामने युवक ने किया पेशाब, वीडियो-वायरल होते ही मचा बवाल