हिन्दू धर्म में नई चीजों की खरीदारी के पश्चात् घर के लोग उनकी पूजा करती हैं, शुभ चिह्न बनाती हैं. जिससे सकारात्मकता का संचार हो. सुख-संपन्नता बढ़ती रहे. उदाहरण के लिए, नई कार या मोटरसाइकिल, फ्रिज, एयरकंडीशन आदि की खरीदारी के पश्चात् उस पर स्वस्तिक या ओम जैसे शुभ चिह्न बनाकर पूजा की जाती है. क्या घर आने वाली हर नई चीज के साथ ऐसा करना उचित है? इस बारे में वृंदावन के प्रेमानंद महाराज ने विस्तार से जानकारी दी है. प्रेमानंद जी के अनुसार, 'घर आए वाहन या नई चीजों पर शुभ चिह्न बनाना, उनकी पूजा करना अच्छी बात है. लोग वाहन चलाने से पहले भी हैंडल या स्टीयरिंग को प्रणाम करते हैं.' इससे लोगों के मन में छिपी भगवत भावना का पता चलता है. प्रत्येक मनुष्य को ऐसा अवश्य करना चाहिए. किन्तु इसमें एक बात का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है. आप वाहन पर शुभ चिह्न बना सकते हैं. भगवान की प्रतिमा उसके अंदर रख सकते हैं. किन्तु भूलकर भी भगवान का नाम वाहन के ऊपर नहीं लिखना चाहिए. प्रेमानंद जी कहते हैं कि कार पर नाम लिखने के पश्चात् जब हम उसकी धुलाई करते हैं तो पानी ईश्वर के नाम पर पड़ने के बाद सीधा हमारे पैरों में आता है. वहीं, कुछ लोग बाइक के पीछे भगवान का नाम लिख लेते हैं. और उस पर बैठते वक़्त आपका पैर जूता सहित प्रभु के नाम के ऊपर से होकर गुजरता है, जो कि गलत है. संक्षेप में, महाराज उचित अभ्यासों के माध्यम से भक्ति की अभिव्यक्ति को प्रोत्साहित करते हैं, जबकि पवित्र प्रतीकों और नामों को संभालने में सावधानी बरतने का आग्रह करते हैं। यह संतुलित दृष्टिकोण सुनिश्चित करता है कि आध्यात्मिक भावनाओं का सम्मान किया जाए और उन्हें ठीक से व्यक्त किया जाए, जिससे रोज़मर्रा की ज़िंदगी में ईश्वरीय सिद्धांतों के साथ गहरा संबंध विकसित हो। इन 3 कार्यों से करें दिन की शुरुआत, हमेशा भरी रहेगी तिजोरी गुप्त नवरात्रि के मंगलवार पर जरूर अपनाएं ये चमत्कारी उपाय, घर में होगा खुशियों का आगमन कब है आषाढ़ गुप्त नवरात्र की अष्टमी? जानिए शुभ मुहूर्त एवं पूजा विधि