बॉलीवुड इंडस्ट्री के मशहूर विलेन्स में से एक रंजीत ने अपने 5 दशकों के करियर में तकरीबन 500 फिल्मों में काम किया है। एक जमाना था जब रंजीत को फिल्मों में नकारात्मक किरदार करते देख दर्शक थर-थर कांपते थे। उनकी विलेन की इमेज के चलते उन्हें कई बार लोगों ने असल जिंदगी में भी गलत समझा। अब अपने एक इंटरव्यू में रंजीत ने बताया है कि उनके परिवार को भी उनकी करियर चॉइस पसंद नहीं थी। यहां तक कि उनकी मां ने उन्हें घर से बाहर का रास्ता भी दिखा दिया था। 1971 में आई फिल्म 'शर्मीली' में रंजीत ने नकारात्मक किरदार निभाया था। इसमें उनके साथ अभिनेत्री राखी थीं। फिल्म के एक सीन में रंजीत के किरदार को राखी के किरदार का शोषण करते देखा गया था। थिएटर में अभिनेता के इस सीन को देखकर उनका परिवार गुस्से से चला गया था। बाद में रंजीत की मां ने उन्हें घर से बाहर निकलने के लिए बोल दिया था। इस बारे में रंजीत ने इंटरव्यू में बताया, 'मेरी मां ने मुझे कहा था, 'तेरी हिम्मत कैसे हुई इस घर में आने की? तू औरतों के कपड़े फाड़ता है। ये कैसा काम है? उन्होंने मुझे घर से बाहर निकल जाने को कहा था।' रंजीत ने बताया कि इस मामले में उन्होंने राखी से ही सहायता मांगी थी। उन्होंने राखी को ये सारी बात बताई तथा अपनी मां से बात करने को कहा। उन्होंने बताया, 'राखी जी बहुत सुंदर थीं। मेरी मां उन्हें देखकर रोने लगी थी। उन्होंने कहा था, 'सत्यानाश हो मेरे बेटे का। मैं माफी मांगती हूं तुझसे।' राखी ने उन्हें समझाया था कि हम अच्छे दोस्त हैं। उसके बाद मां ने मुझे दोबारा अपनाया था।' इस इंटरव्यू के चलते रंजीत से पूछा गया कि क्या ये बात सच है कि उन्होंने रमेश सिप्पी की फिल्म 'शोले' में गब्बर का किरदार डैनी डेन्जोंगपा संग अपनी दोस्ती की इज्जत के चलते छोड़ दिया था? इसके जवाब में उन्होंने कहा, 'ये सच है। मैं बेंगलुरु में किसी दूसरी फिल्म की शूटिंग कर रहा था। डैनी अफगानिस्तान में फिरोज खान की फिल्म धर्मात्मा की शूटिंग कर रहे थे। उस फिल्म में उनका हेमा मालिनी के साथ विशेष गाना था। उन दिनों में एक्टर्स का शेड्यूल फिक्स नहीं हुआ करता था।' आगे रंजीत ने कहा, 'फिरोज खान ने डैनी से कहा था, 'तुम शोले में क्या करोगे? उसमें तीन मेन एक्टर हैं- धर्मेंद्र, अमिताभ बच्चन और संजीव कुमार। तुम चौथे या पांचवे किरदार में होगे। मैं तुम्हें अपनी इस फिल्म में हेमा मालिनी के साथ देता हूं। तो डैनी को लगा कि उन्हें धर्मात्मा में ही काम करना चाहिए, क्योंकि तब शोले पर काम शुरू भी नहीं हुआ था। मगर वो शोले को ना नहीं कह पाए थे। उन दिनों बातचीत भी मुश्किल हुआ करती थी।' वही स्वयं को ये गब्बर का किरदार ऑफर होने को लेकर रंजीत ने कहा, 'बाद में गब्बर के किरदार का ऑफर मुझे मिला था। प्रोडक्शन के लोग मेरे पास आए तथा मुझे गब्बर का किरदार करने को कहा। तब तक मैं और डैनी साथ में कुछ फिल्मों में काम कर चुके थे। मैंने उन्हें कहा कि डैनी का घर में आना जाना है। तो मैं ये फिल्म नहीं कर पाऊंगा, क्योंकि वो मेरा दोस्त है। मैंने एक फोटो देखा था जिसमें लिखा था कि डैनी अफगानिस्तान में फंसा हुआ है तथा मैंने उसके हाथ से फिल्म छीन ली है। तो मैंने टीम से कहा कि यदि डैनी बोलता है कि मैं ये फिल्म नहीं करना चाहता, इसे किसी और को दे दो, तो मुझे इसे करने में कोई परेशानी नहीं है। कम से कम मुझे उससे बात करने दो। यदि उसे परेशानी नहीं, तो मैं ये फिल्म कर लूंगा। मगर प्रोडक्शन टीम इंतजार नहीं कर सकती थी, क्योंकि बड़े सितारे इससे जुड़े हुए थे। तो ये रोल अमजद खान को चला गया।' बता दे कि रंजीत ने अपने करियर की शुरुआत 70 के दशक में की थी। उन्होंने 'शर्मीली', 'रेश्मा और शेरा', 'बंधे हाथ', 'चोर सिपाही' एवं 'हाउसफुल 4' संग कई फिल्मों में काम किया है। उन्होंने बतौर निर्देशक 'कारनामा' और 'गजब तमाशा' नाम की दो फिल्में भी बनाई थीं। सैफ अली खान और करण जौहर ने कर दी ऐसी हरकत कि झल्ला गईं शर्मिला टैगोर, ट्विटर पर भी हुई थू-थू बॉलीवुड के इस एक्टर संग काम करना चाहती है शहनाज गिल, बोली- 'मैं उनसे कभी नहीं मिली लेकिन...' पत्नी शीतल को छोड़ बॉलीवुड की इस अदाकारा पर आया विक्रांत मैसी का दिल, तस्वीर शेयर कर खुद कही ये बात