‘गांधी गोडसे – एक युद्ध’ (Gandhi Godse Ek Yudh) के माध्यम डायरेक्टर ने दो विपरीत विचारधाराओं को आमने-सामने लाकर खड़ा कर चुका है। वक़्त ने उन्हें अपनी बात रखने का जो अवसर नहीं दिया है, वह मौका डायरेक्टर राजकुमार संतोषी ने मूवी के माध्यम से देने का प्रयास किया है। ‘गांधी गोडसे – एक युद्ध’ एक ऐसी काल्पनिक स्टोरी भी है, इसमें महात्मा गांधी हमले से बच जाते हैं। फिर उनकी मुलाकात नाथुराम गोडसे से जेल में ही होती है। टीजर देखकर साफ हो गया है कि मूवी के माध्यम से दो अलग-अलग विचारधाराओं की लड़ाई को दिखाने का प्रयास भी किया गया है। एक सीन में महात्मा गांधी कहते हुए दिखाई दे रहे है कि, ‘अगर इस दुनिया और मानवता को बचाना है, तो हिंसा को छोड़ना होगा।’ दूसरे सीन में नाथूराम गोडसे गांधी से कहता है, ‘आपके पास सबसे बड़ा हथियार है- आमरण अनशन, जिसका बार-बार इस्तेमाल करके लोगों से अपनी बात मनवाते हैं। ये भी एक प्रकार की हिंसा है, मानसिक हिंसा।’ खबरों का कहना है कि मूवी 26 जनवरी को सिनेमाघरों में दस्तक देगी। मूवी की कहानी दर्शकों को 1947-48 के दौर में लेकर जा रही है। चिन्मय मंडलेकर, दीपक अंतानी, आरिफ जकारिया और पवन चोपड़ा ने फिल्म में अहम रोल भी अदा किए है। मूवी के माध्यम से दो नए कलाकार बॉलीवुड में डेब्यू भी करने जा रहे है। तनीषा संतोषी और अनुज सैनी की यह पहली मूवी। मूवी का संगीत एआर रहमान ने दिया है और राजकुमार संतोषी ने मशहूर लेखक असगर वजाहत के साथ मिलकर फिल्म को लिखा है। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर शाहरुख खान की ‘पठान’ से टकराने वाली है। सनी देओल के हाथ में दिखा बैलगाड़ी का पहिया क्या नोरा और आर्यन के बीच चल रहा है प्रेम प्रसंग...? विद्युत जामवाल और कई कलाकार लेकर आ रहे नए वर्ष नया शो