'नीला, हरा, काला पहना देते, भगवा रंग ही क्यों पहनाया', फिल्म 'पठान' पर बोले पंडित प्रदीप मिश्रा

बैतूल: बॉलीवुड फिल्मों के मशहूर अभिनेता शाहरुख़ खान की फिल्म पठान का विरोध बढ़ता ही जा रहा है. अब कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा भी इसमें कूद पड़े हैं. बैतूल में पंडित मिश्रा ने कहा कि फिल्म का विरोध का कारण निर्माता और कलाकारों ने स्वयं पैदा किया है. यहां कोई फुर्सत नहीं है या किसी को पागल कुत्ते ने नहीं काटा है कि जानकर भोंकेगा या जानकर चिल्लाएगा. 

आगे पंडित मिश्रा ने कहा कि भगवा रंग के बारे में कोई शब्द भी कहा गया है. तुम स्वयं कह रहे हो, ये कपड़ा तुम्हारे लिए ठीक नहीं है तो क्यों पहने हो. किसने कहा कि इस वस्त्र को धारण करो. पंडित मिश्रा ने कहा कि जब तुम कश्मीर फिल्म देखने नहीं गए तो हम क्यों पठान देखने जाएंगे. जब उनसे पूछा गया कि पठान फ़िल्म में कलाकारों भगवा रंग के कपड़े पहने हैं, इसलिए फ़िल्म का विरोध हो रहा है तो पंडित मिश्रा ने कहा कि विरोध तो इस बात का है कि उन्होंने भगवा रंग ही क्यों पहना. यदि कपड़े ही पहनाने थे तो नीले पहना देते, हरे पहना देते, कोई काला पहना देते. उसे भगवा रंग के ही कपड़े क्यों पहनाए.

बता दे कि अभिनेता शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण की फिल्म 'पठान' का पहला गाना 'बेशर्म रंग' रिलीज होते ही विवादों में आ चुका है। 'बेशर्म रंग' गानें में दीपिका की ऑरेंज कलर की बिकिनी का विरोध किया जा रहा है। कई संगठनों का कहना है कि भगवा कलर आस्था का प्रतीक है। इसलिये इस रंग की बिकिनी पहनकर 'बेशर्म रंग' पर डांस करना ठीक नहीं है।

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