मुंबई: शिवसेना पार्टी और चुनाव चिह्न के मामले में प्रधान न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली संविधान पीठ ने गुरुवार (16 मार्च) को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया है। मामले में 5 जजों की पीठ के समक्ष उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट ने 9 दिन तक अपनी दलीलें दी। सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि गवर्नर का विश्वास मत बुलाने का फैसला गलत था, किन्तु उद्धव ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट से पहले ही इस्तीफा दे दिया था, इसलिए हम उनकी सरकार को बहाल नहीं कर सकते। उद्धव ठाकरे की शिवसेना का पक्ष रख रहे कांग्रेस नेता और वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से उद्धव सरकार को बहाल करने की मांग की थी। इस पर शीर्ष अदालत ने कहा कि उद्धव ने फ्लोर टेस्ट में शामिल होने से पहले ही त्यागपत्र दे दिया था। इसका मतलब उन्होंने खुद ही हार मान ली थी। CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि यदि उद्धव गुट फ्लोर टेस्ट में शामिल हुआ होता, तो गवर्नर के फैसले को असंवैधानिक पाए जाने पर हम कुछ कर सकते थे। तब हम फ्लोर टेस्ट को अनुचित ठहरा सकते थे। अब यदि हम आपकी सरकार को दोबारा बहाल कर दें, तो संवैधानिक परेशानियां खड़ी हो जाएंगी। बता दें कि, महाराष्ट्र में गत वर्ष जून में शिवसेना के 35 विधायकों ने बगावत कर दी थी। इसके कारण उद्धव सरकार अल्पमत में आ गई थी। राज्यपाल ने उद्धव ठाकरे से विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए कहा था, जिसके बाद उद्धव ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद एकनाथ शिंदे ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। गुजरात के ठग ने पहले खुद को बताया PMO अधिकारी और फिर... 'हम युद्ध के लिए पूरी तरह तैयार..', चीन-पाक के साथ टकराव पर बोले इंडियन आर्मी चीफ मनोज पांडे शराब घोटाले में सिसोदिया को जेल या बेल ? कोर्ट करेगी फैसला, आज ख़त्म हो रही ED की रिमांड