टेक्नोलॉजी के बदलते इस युग में हर समय आपको कुछ न कुछ नया सुनने को मिलता है, आपको बता दे अगर आपको कार ड्राइव करते समय "झपकी "लेते है, तो अब गाड़ी में लगे सेंसर आपको जग देंगे. जी हाँ, अपने सही सुना है, जर्मन कंपनी बॉश कैमरा आधारित एक ऐसी तकनीक पर काम कर रही है, जो ड्राइविंग करते वक्त नीद भरी आंखे, शारीरिक गतिविधियां हार्टरेट और शरीर के तापमान को मोनिटर करेगी. हम सोना नहीं चाहते है फिर भी हमारी आंखे ड्राइविंग करते वक्त बंद होने लगती है इसे मिस्रोस्लीप कहा जाता है, बॉश के चीफ टेक्नोलॉजी अफसर कीथ स्ट्रिकलैंड बताते है कि हम यहाँ तकनीक आने वाले 5 सालो में देख पायेगे, इस तकनीक से और दो कदम आगे बढ़कर ये कोशिश कि जा रही है कि दो कार आपस में सेंसर के जरिये कॉम्यूनिकेट करे और हादसा खुद ब खुद टल जाए . नैशनल हाइवे ट्रैफिक सेफ्टी ऐडमिनिस्ट्रेशन के आकंड़ो के मुताबिक इस तरह नींद के चलते साल 2015 में 824 मोते हो चुकी है, फ्रांस में ऑटोमेटिव तकनीक की सप्लाई करने वाली कंपनी वेलो भी इस एक मॉनिटरिंग सिस्टम तैयार कर रही है , जहाँ ड्राइवर के साथ बैठे बच्चे की हाइट ड्राइवर के कंधे से मूवमेन्ट को कैप्चर करे और स्लेफ़टी अलार्म बजा दे. आपका अनुभव शेयर करे हमारे साथ , कमेंट करे निचे दिये बॉक्स में और निचे दी हुई अन्य स्टोरी भी पढ़े. भारत में BMW की कारें 2 फीसदी तक हुई मंहगी