कहीं आपका बच्चा भी तो नहीं हो गया मानसिक बीमारी का शिकार

अगर आपके घर का कोई छोटा बच्चा भी बुरी तरह वीडियो गेम्स का अडिक्ट हो चूका है तो शायद अब आपके सतर्क होने का समय आ गया है. दरअसल आपके बच्चे के इस व्यवहार को जल्द ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा मानसिक स्वास्थ्य स्थिति की श्रेणी में रखा जा सकता है. पिछले हफ्ते जारी की गई एक ताजा रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ. ये रिपोर्ट आई न्यू साइंटिस्ट द्वारा जारी की गई है.

इस रिपोर्ट के मुताबिक, WHO गेमिंग डिसऑर्डर को रोगों के अंतर्राष्ट्रीय वर्गीकरण (ICD) में शामिल करने पर विचार कर रहा है. बता दें कि आईसीडी एक क्लीनिकल मॉड्यूल है, जिसे डब्ल्यूएचओ(WHO) द्वारा प्रकाशित किया जाता है. आखिरी बार इस मॉड्यूल को करीब 27 साल पहले वर्ष 1990 में अपडेट किया गया था. अब इसका 11वां संस्करण 2018 में प्रकाशित किया जाना है.

बताया जा रहा है कि इस नियमावली में गेमिंग डिसऑर्डर को एक ऐसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या के रूप में रखा जा सकता है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक,WHO द्वारा जारी किये जाने वाले 11वें संस्करण के मसौदे में गेमिंग डिसऑर्डर को डिजिटल गेमिंग या वीडियो गेम के रूप में दर्शाया गया है. ये गेम ऑनलाइन-ऑफलाइन किसी भी तरह का हो सकता है.

 

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