कोलकाता: पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने अपने नेता आतिश सरकार को एक साल के लिए निलंबित कर दिया है। यह निलंबन उनके द्वारा प्रदर्शनकारियों को धमकी देने के बाद किया गया, जो कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में 31 वर्षीय प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ हुई बलात्कार और हत्या की घटना के बाद पश्चिम बंगाल में विरोध प्रदर्शन जारी हैं। इन प्रदर्शनों के दौरान 1 सितंबर को आतिश सरकार, जो हाबरा से TMC के पूर्व पार्षद हैं और TMC पार्षद के पति भी हैं, ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिए। उत्तर 24 परगना जिले के अशोकनगर से आने वाले आतिश सरकार ने प्रदर्शनकारियों को धमकाते हुए कहा, "दीदी ने हमें फुफकारने का निर्देश दिया है।" उन्होंने आगे कहा कि, "जो लोग दीदी के खिलाफ बोल रहे हैं, उनके खिलाफ हम आपकी माताओं और बहनों के अश्लील पोस्टर बनाकर आपकी दीवारों पर लगा देंगे। मैं आपकी माँ-बहन की विकृत तस्वीर बनाकर आपके घर के दरवाजे पर टांग दूँगा, और आप उसे हटा नहीं पाओगे। वह दिन जल्द ही आने वाला है।" आतिश सरकार की इस टिप्पणी के बाद, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई, TMC ने उन्हें एक साल के लिए निलंबित कर दिया। आतिश सरकार अकेले ऐसे नेता नहीं थे, जिन्होंने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हमला बोला। बांकुरा से TMC सांसद अरूप चक्रवर्ती ने भी 1 सितंबर को प्रदर्शनकारियों पर हमला करते हुए कहा था कि आरजी कर अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले लोग पार्टी के कार्यकर्ताओं के खड़े होते ही "कुत्तों की तरह भाग जाएंगे।" अरूप चक्रवर्ती ने पार्टी की एक बैठक में कहा कि, "अपनी अंतरात्मा को जगाओ, (पश्चिम) बंगाल को बचाओ। ममता बनर्जी के साथ खड़े हो जाओ। तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को फुफकारना पड़ेगा। दोस्तों, आप फुफकारेंगे और वे कुत्तों की तरह भागेंगे, वे लोमड़ियों की तरह भागेंगे।" उन्होंने कहा कि 2011 में सत्ता में आने के बाद TMC ने बदलाव का वादा किया था, लेकिन अब उन्होंने विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि वे "लोगों को गुमराह कर रहे हैं" और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पार्टी की महिला सदस्यों और छात्र कार्यकर्ताओं से खड़े होने का आह्वान किया। कोलकाता में प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ हुई बलात्कार और हत्या के बाद पश्चिम बंगाल में पिछले तीन सप्ताह से अधिक समय से विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इस मामले में कोई ठोस प्रगति न होने, प्रशासन के संदिग्ध आचरण और विरोध प्रदर्शनों को दबाने के सरकार के प्रयासों ने राज्य में लोगों का गुस्सा और बढ़ा दिया है। आज सख्त बलात्कार विरोधी बिल पेश करेगी ममता सरकार, जानिए क्या होंगे प्रावधान क्रीमी लेयर के समर्थन में भील समुदाय, आरक्षण पर 'सुप्रीम' फैसला लागू करने की मांग खड़गे परिवार को फ्री में कैसे मिली सरकारी जमीन ? कांग्रेस सरकार से जवाब तलब