इंदौर। शहर के हॉस्पिटल में ब्लड बैंक में काम करने वाले कर्मचारी ने अपने घर में फांसी लगाकर जान दे दी। कहा जाता है कि एमवाय हॉस्पिटल में कई दिनों से काम कर रहा था परंतु उसे 6 महीनो से सैलरी नहीं दी गई थी। जिसको लेकर वह तनाव में था। करीबन 2 महीने पहले उसने लेबर कोर्ट में केस भी किया था। आजाद नगर पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। पुलिस के अनुसार भील कॉलोनी में रहने वाला गौरव उम्र 35 पुत्र प्रताप सिंह तराड़ ने अपने घर पर फांसी लगाकर जान दे दी। देर रात जब उसकी मां अपने घर आई तो उसने बेटे को फांसी के फंदे पर लटका देखा। बताया जाता है कि गौरव कुछ दिनों से तनाव में चल रहा था। मृतक के मामा दीपक ने आरोप लगाते हुए कहा कि गौरव कई सालों से एमवाय हॉस्पिटल के ब्लड बैंक में काम करता था। वहां पर उसका ब्लड सैंपल लेने का काम था। 6 महीनों से उसे उसकी सैलरी नहीं मिली थी। जब उसने सैलरी की बात कही तो उससे कहा गया कि उसकी सैलरी भोपाल से आएगी। इस बात से गौरव ने परेशान होकर लेबर कोर्ट में केस भी किया था। उसके बाद एमवाय डिपार्टमेंट ने उसे नौकरी पर आने से मना कर दिया जिसे लेकर वह परेशान रहता था। गौरव के मामा के मुताबिक गौरव के पिता की बीमारी के चलते काफी पहले ही उनका निधन हो गया था। परिवार में बड़े भाई की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी, वही छोटा भाई गैस कंपनी में काम करता है। टंट्या मामा और बिरसा मुंडा अंग्रेजों से लडने वाले देश के पहले आदिवासी जननायक : केन्द्रीय मंत्री कुलस्ते 16 वर्षीय नाबालिग़ छात्रा से प्राचार्य ने की छेड़खानी का मामला हुआ दर्ज अज्ञात वाहन ने मारी टक्कर मामा व दो भांजों की मौके पर मौत: महिला घायल