अमृतसर : सरकारें जन भावनाओं से कैसे खेलती है, इसकी मिसाल तब देखने को मिली जब इराक से ताबूतों में बंद आए 39 भारतीयों के परिवारों के साथ बड़े-बड़े वादे करने वाली पंजाब कांग्रेस सरकार मात्र दस दिन में ही भूल गई . मृतकों की आत्मा की शांति के लिए रखे गए अखंड साहिब पाठ के भोग में पंजाब सरकार का कोई भी मंत्री या अधिकारी नहीं पहुंचा. मिली जानकारी के अनुसार इराक में मारे गए 39 भारतीयों में से चार हलका मजीठा के रहने वाले थे. उनकी आत्मिक शांति के लिए कल मजीठा में श्री अखंड पाठ साहिब के भोग डाले गए. लेकिन अफ़सोस की बात यह है कि पंजाब सरकार का कोई भी मंत्री या अधिकारी इस भोग में शामिल नहीं हुआ. जबकि इस मौके पर पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया विशेष रूप से मौजूद थे. बता दें कि इस मौके पर पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि बादल सरकार के समय जब सरबजीत का शव पाकिस्तान से आया था तो वह खुद वहां पहुंचे थे और उस दुःख की घड़ी में परिवार को ढांढस बंधाया था, किंतु कांग्रेस सरकार हमेशा की तरह इस मौके पर भी अपनी जिम्मेदारियों पर खरी नहीं उतरी. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस की सोच और राजनीति सिर्फ ताबूतों के साथ फोटो करवाने तक सिमट कर रह गई है, उनको इन परिवारों के साथ कोई सरोकार नहीं है. सच है कि दुःख की इस घड़ी में दुखी लोगों की उपेक्षा करना उचित नहीं है. यह भी देखें सिद्धू को होनी चाहिए सजा -पंजाब सरकार एक्सिस बैंक ने सीईओ शिखा शर्मा का कार्यकाल क्यों घटाया ?