नई दिल्ली: वाईएसआर कांग्रेस के लोकसभा उपाध्यक्ष का पद स्वीकार करने की संभावना ना के बराबर है, क्योंकि पार्टी आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा दिए जाने की मांग के पूरी होने तक भाजपा नीत NDA सरकार के साथ खड़े हुए नज़र नहीं आना चाहती है। वाईएसआर कांग्रेस के एक दिग्गज नेता ने रविवार को कहा है कि उनकी पार्टी सत्ता पक्ष और विपक्ष, दोनों से ही बराबर दूरी रखना चाहती है। वाईएसआर कांग्रेस 17वीं लोकसभा में चौथी सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई है। उसके 22 सदस्य हैं। YSR नेता ने कहा है कि, ‘आंध प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिए जाने के लिए विपक्ष, विशेष कर, कांग्रेस भी जिम्मेदार है। इसने प्रदेश का विभाजन किया, किन्तु आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया। लिहाजा हम उनसे भी बराबर दूरी बनाकर रखेंगे।’ बहरहाल, उनकी पार्टी सत्तारूढ़ दल को देश हित वाले कुछ मसलों पर समर्थन दे सकती है। लोकसभा उपाध्यक्ष पद पर स्टैंड को लेकर वाईएसआर कांग्रेस के सूत्रों ने जानकारी देते हुए बताया है कि कोई सीधी या औपचारिक पेशकश नहीं आई है, किन्तु संकेत दिए गए हैं। पार्टी के नेता ने कहा है कि, ‘पार्टी को यह पद नहीं चाहिए, क्योंकि इससे सत्ता में काबिज दल के साथ खड़ा हुआ देखा जाएगा। पार्टी केंद्र के आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने तक वह केंद्र के साथ खड़े दिखना नहीं चाहती है।’ ग्लोबल वार्मिंग की वजह से बढ़ सकते हैं मगरमच्छ के हमले, रिपोर्ट में हुआ खुलासा बिजली कटौती पर कमलनाथ के अफसर का बेतुका बयान, चमगादड़ों को बताया जिम्मेदार मायावती का वंशवाद फिर हुआ उजागर, अपने भाई और भतीजे को दिया ये पद