भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह ने अपने इंटरनेशनल क्रिकेट करियर के दौरान भारतीय क्रिकेट को जो कुछ भी दिया, उसे शायद ही कभी भूला जा सकता है. युवी के क्रिकेट करियर में भी कई उतार-चढ़ाव आए, लेकिन अगर जिक्र कभी भी साल 2007 टी20 वर्ल्ड कप का हो या फिर साल 2011 वनडे विश्व कप का तो इन दोनों बड़े आइसीसी टूर्नामेंट में भारत की जीत के हीरो तो युवी की कहलाएंगे. हालांकि युवी के अलावा भी टीम के अन्य खिलाड़ियों की खिताब जीतने में अहम भूमिका रही, लेकिन उन्होंने जो किया वो इतिहास के पन्नों में दर्ज हो चुका है. युवराज सिंह ने टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व वनडे या टी20 में तो जमकर किया, लेकिन वो टेस्ट के बेस्ट खिलाड़ी नहीं बन पाए. युवी ने अपने करियर में भारत के लिए 40 टेस्ट मैच खेले जिसमें उनके नाम पर 1900 रन है और तीन शतक दर्ज हैं. टेस्ट में उनका व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ स्कोर 169 रन था. उन्होंने अपना अंतिम टेस्ट मैच साल 2012 में कोलकाता में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था और इस मैच की दोनों पारियों में 32 और 11 रन की पारी खेली थी. टेस्ट क्रिकेट युवराज के आखिरी बल्लेबाजी पार्टनर विराट कोहली थे. टेस्ट में युवराज ने 9 विकेट लिए थे. 2011 वनडे विश्व कप जीत के हीरो युवराज सिंह ने अपने करियर में 304 वनडे मैचों में 14 शतक के साथ 8701 रन बनाए थे. उन्होंने 14 शतक इस दौरान लगाए और 50-50 ओवर के क्रिकेट में 111 विकेट भी लेने का कमाल किया था. 30 जून 2017 को वो आखिरी बार नीली जर्सी में भारत के लिए मैच खेलने मैदान पर उतरे थे. नॉर्थ साउंड में वेस्टइंडीज के खिलाफ इस मैच में उन्होंने 39 रन की पारी खेली थी जबकि उनके आखिरी साझेदार यानी उन्होंने अंतिम बार अजिंक्य रहाणे के साथ बल्लेबाजी की थी. भारत के लिए 58 टी20 इंटरनेशनल मैच खेलने वाले युवराज सिंह के अंतिम पार्टनर क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप में MS Dhoni थे. युवी ने टीम इंडिया के लिए अपना आखिरी टी20 मुकाबला 1 फरवरी 2017 को बेंगलुरु में खेला था. इस मुकाबले में युवी के बल्ले से 27 रन निकले थे. उन्होंने 58 मैचों में 1177 रन बनाए थे और 28 विकेट लिए थे. गगन नारंग के जन्मदिन पर जानें उनके जीवन से जुड़ी खास बातें पूर्व फ्लेमिंगो के दिग्गज खिलाड़ी लेको का हुआ निधन ओरिगी का बड़ा बयान, कहा- अगर लिवरपूल नहीं जीतता है तो यह काफी दुखदायी होगा