नई दिल्ली : इस्लामिक धर्म प्रचारक और इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन के संस्थापक जाकिर नाईक को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है। दरअसल केंद्र सरकार ने मुस्लिम धर्म प्रचारक जाकिर के एनजीओ को केंद्र सरकार ने 5 वर्ष के लिए प्रतिबंधित कर दिया। यह निर्णय कल शाम लिया गया है। गौरतलब है कि सरकार जाकिर नाईक की संस्था पर पहले ही विदेशों से चंदा प्राप्त करने पर रोक लगा चुकी है। जाकिर नाईक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर सरकार की नकेल कसी गई थी। अब सरकार ने इस एनजीओ को 5 वर्ष के लिए बैन कर दिया है। केंद्रीय कैबिनेट ने अपनी बैठक में इसे लेकर मसौदा तैयार कर लिया था। दरअसल जाकिर नाईक के एनजीओ को अवैध गतिविधियों को लेकर जांच के दायरे में लिया गया है। गौरतलब है कि नाईक के एनजीओ को ऐसे समय प्रतिबंधित कर दिया गया जब बांग्लादेश में हुए आतंकी हमले से जुड़े आतंकियों को लेकर बात कही गई कि ये आतंकी जाकिर नाईक के भाषणों से प्रभावित थे। इसके बाद केंद्र सरकार ने उन्हें भारत में प्रतिबंधित कर दिया था। गौरतलब है कि जाकिर की संस्था पीस टीवी से जुड़ी है और जाकिर नाईक पर आरोप था कि उसने विदेशी खातों से पीस टीवी को धन भेजा है। पीस टीवी पर आरोप था कि वह आतंकी प्रचार में लगा रहता है। अब जाकिर नाईक के मसल को लेकर जांच की जा रही है। नोटबंदी ने ठोंकी आतंकवाद के ताबूत में कील दहशतगर्दी नहीं है बिगड़े रिश्तों का कारण