जब जिदान ने फ़्रांस को विश्व ख़िताब दिलवाया

नई दिल्ली : फ्रांस के साथ ही दुनिया के महान फुटबॉलरों में जिनेदिन जिदान का नाम बड़े सम्मान से लिया जाता है .आक्रामक मिडफील्डरों में शामिल जिदान तकनीक और गेंद को नियंत्रित करने में पारंगत थे. मूलतः अल्जीरिया के इस खिलाड़ी ने 2006 वर्ल्ड कप के फाइनल में इटली के खिलाफ हुई उनकी एक गलती ने मैच के साथ ही उनके जीवन का भी रुख पलट दिया.

बता दें कि मार्सिले में 23 जून 1972 को जन्मे जिदान ने  गंदी बस्ती में बचपन गुजारा.गंदी गलियों में ही दोस्तों के साथ फुटबॉल खेलना शुरू किया.10 साल कीआयु में स्थानीय फुटबॉल क्लब कैसेल से जुड़ने के दौरान यहां के नामी क्लब सेपटेमस लेस बेलोंस के कोच रोबर्ट की नजर उन पर पड़ी और उन्होंने जिदान को जोड़ने के लिए क्लब के संचालकों से बात की.जहाँ वे चार साल रहे.फिर वे कैनास, बॉरडेक्स, जुवेंटस और रियाल मैड्रिड जैसे बड़े क्लबों के लिए खेलने लगे.

उल्लेखनीय है कि 1998 वर्ल्ड कप फाइनल में जिदान के दो हेडर गोलों ने फ्रांस को पहली बार वर्ल्ड कप दिलाया. फ्रांस की मेजबानी में खेले जा रहे टूनामेंट में मेजबान ने ब्राजील को 3-0 से हराया था. यह जिदान के करियर का पहला वर्ल्ड कप था.  2006 वर्ल्ड कप के फाइनल में इटली के खिलाफ  जिदान के गोल से स्कोर निर्धारित समय तक 1-1 पर था. अतिरिक्त समय में जिदान की इटालियन खिलाड़ी मातेराजी से कहासुनी होने पर जिदान ने भागते हुए अपना सिर मातेराजी के पेट में मार दिया इस कारण रेफरी ने जिदान को रेड कार्ड दिखाकर बाहर कर दिया और फ्रांस वह मैच 3-5 से हार गया. इसके साथ ही जिदान के करियर का भी अंत हो गया.

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