प्रति वर्ष कई गरीब लड़कियों का विवाह करवाते हैं बागेश्वर सरकार, निरंतर चलता है भंडारा

वही इस वक़्त बागेश्वर धाम के महंत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री एक खास वर्ग के निशाने पर हैं। उनके इल्जामों को लेकर महंत का कहना है कि घर वापसी का अभियान चलाए जाने की वजह से वे निशाने पर हैं।

बागेश्वर धाम के सेवादार मनोज त्रिवेदी ने बताया कि यहाँ प्रत्येक वर्ष कन्याओं का सामूहिक विवाह होता है। इस वर्ष महा शिवरात्रि 18 फरवरी 2023 पर 121 कन्याओं का विवाह होना है। ये कन्या आर्थिक तौर पर कमजोर परिवारों से होती हैं या फिर अनाथ।

मनोज त्रिवेदी ने बताया, “बागेश्वर धाम में गुरुजी धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री प्रत्येक वर्ष निर्धन कन्याओं का विवाह कराते हैं। गुरुजी अपनी बहन और बेटी मानकर कन्याओं को विदा करते हैं। गुरुजी उनको वो सब देते हैं जो एक पिता अपनी बेटी को देने का प्रयास करता है। वर्ष 2021 में 108 कन्याओं का विवाह हु

वे बताते हैं, “गुरुजी का जीवन अभावों से भरा हुआ था। वे बहुत गरीब थे। उनकी बहन की शादी के वक़्त उनके पैसा पैसा नहीं था। तब उन्होंने संकल्प लिया था कि अगर कभी बालाजी की उन पर कृपा होगी तथा वे जो भी कमाएँगे उससे वह निर्धन कन्याओं की शादी कराएँगे। गुरुजी चाहते हैं कि जैसे वो अपनी बहन की शादी के लिए परेशान एवं दुखी हुए थे ऐसा किसी भाई को न होना पड़े। इसलिए, वह कन्याओं का विवाह कराते हैं।”

विवाहित जोड़ों को धाम की ओर से ही रामचरितमानस के साथ-साथ वो हरेक वस्तु प्रदान की जाती है जो एक गृहस्थी को आरम्भ करने के लिए जरुरी है।

इसके साथ ही बागेश्वर धाम में भंडारा निरंतर तीन वर्षों से चल रहा है। इसे अन्नपूर्णा कहते हैं। मनोज त्रिवेदी ने बताया, “गुरुजी नहीं चाहते कि धाम में आने वाला कोई भी व्यक्ति खाली पेट लौटे। इसलिए अन्नपूर्णा आरम्भ किया गया। यह 3 साल से चल रहा है। यहाँ हर रोज हजारों लोग प्रसाद पाते हैं।”

बागेश्वर धाम से महाराज धीरेंद्र शास्त्री ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि मैं कोई तपस्वी नहीं हूं, किन्तु पूरा बचपन तपस्या में गुजरा है। बचपन से ही हनुमान चालीसा का पाठ किया। गुरुजी ने जो बताया उसे अनुभव किया। हनुमान जी के चरणों में बैठकर रोए। उसका ही नतीजा है कि आज सनातन धर्म का झंडा हर जगह गाड़ा जा रहा है।

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