1947 से लेकर आज तक ये नेता रहे हैं कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष
जब भारत आज़ाद हुआ, उस समय जे बी कृपलानी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे, उनके पास ये पद वर्ष 1947 के ख़त्म होने तक रहा .
1948 में भोगराजु पट्टाभि सीतारामय्या कांग्रेस के नए अध्यक्ष बने, जो 1949 तक इस पद पर रहे.
पुरुषोत्तम दास टंडन ने केवल एक साल के लिए 1950 में यह पद संभाला था
टंडन के बाद आए जवाहरलाल नेहरू, जिन्होंने पीएम रहते हुए भी 1951 से लेकर 1954 तक कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी संभाली.
नेहरू के बाद यु एन ढेबर 1955 से लेकर 1959 तक इस पद पर रहे.
1959 में कुछ समय के लिए इंदिरा गाँधी भी कांग्रेस अध्यक्ष बनीं, फिर हट गईं. इंदिरा 1978 में दोबारा कांग्रेस प्रमुख बनीं और 1983 तक इस पद पर काबिज रहीं .
1959 में इंदिरा के हटने के बाद 1960 से 63 तक नीलम संजीव रेड्डी कांग्रेस चीफ रहे.
1964 से लेकर 1967 तक के कामराज इस पद पर रहे और कांग्रेस का नेतृत्व किया.
कामराज के बाद एस निजलिंगप्पा ने 1968-69 तक दो साल यह जिम्मेदारी संभाली
1970–1971 में बाबू जगजीवन राम कांग्रेस अध्यक्ष बने रहे.
शंकर दयाल शर्मा ने 1972–74 तक यह पद संभाला.
देवकांता बरुआ भी कांग्रेस प्रमुख रहे, उनके हाथ में 1975–77 तक पार्टी की कमान थी.
1977 से 78 तक कासु ब्रह्मानंद रेड्डी कांग्रेस के सर्वोच्च पद पर रहे.
1985 से लेकर 1991 तक राजीव गांधी ने पीएम पद पर रहते हुए भी कांग्रेस अध्यक्ष पद संभाला.
1992 से लेकर 1994 तक पी वी नरसिम्हाराव ने कांग्रेस प्रमुख का पद संभाला
1996–1998 तक सीताराम केसरी कांग्रेस अध्यक्ष रहे.
सोनिया गांधी इस पद पर सबसे लम्बे समय तक रहने वाली नेता बनीं, जिन्होंने 1998 से लेकर 2017 तक ये पद संभाला और आज भी अध्यक्ष की कुर्सी उन्ही के पास है.
2017 में सोनिया गांधी ने अपने पुत्र राहुल गांधी को यह कुर्सी सौंपी, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की शर्मनाक हार के बाद राहुल ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया और फिर से सोनिया गांधी पार्टी प्रमुख बन गईं.
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