'हिन्दुस्तान जिंदाबाद था, जिंदाबाद है और जिंदाबाद रहेगा'

ये मज़दूर का हाथ है कात्या, लोहा पिघलाकर उसका आकार बदल देता है! ये ताकत खून-पसीने से कमाई हुई रोटी की है। मुझे किसी के टुकड़ों पर पलने की जरूरत नहीं।

अशरफ अली! आपका पाकिस्तान जिंदाबाद है, इससे हमें कोई ऐतराज नहीं लेकिन हमारा हिंदुस्तान जिंदाबाद है, जिंदाबाद था और जिंदाबाद रहेगा! बस बहुत हो गया।

हलक में हाथ डालकर कलेजा खींच लूंगा.. उठा उठा के पटकूंगा! उठा उठा के पटकूंगा! चीर दूंगा, फाड़ दूंगा!

चिल्लाओ मत, नहीं तो ये केस यहीं रफा-दफा कर दूंगा, न तारीख न सुनवाई, सीधा इंसाफ, वो भी ताबड़तोड़।

पिंजरे में आकर शेर भी कुत्ता बन जाता है कात्या, तू चाहता है मैं तेरे यहां कुत्ता बनकर रहूं, तू कहे तो काटूं, तू कहे तो भौंकू।

अगर अदालत में तूने कोई बदतमीजी की तो वहीं मारूंगा, जज ऑर्डर ऑर्डर करता रहेगा और तू पिटता रहेगा।

बाप बनकर बेटी को विदा कर दीजिए, इसी में सबकी भलाई है, वरना अगर आज ये जट बिगड़ गया तो सैकड़ों को ले मरेगा।

भैरों सिंह, आज मरने की बात की है, दोबारा मत करना, मरकर किसी ने लड़ाई नहीं जीती। लड़ाई जीती जाती है दुश्मन को खत्म करके।

जाओ बशीर खान जाओ, किसी नाटक कंपनी में भर्ती हो जाओ, बहुत तरक्की मिलेगी तुम्हे, अच्छी एक्टिंग कर लेते हो।

नहीं कुलकर्णी मैं तुमको यहां से जाने की इजाजत नहीं दे सकता, मैं यहां ऊंचाई पर बैठा जरूर हूं, मगर इस कोर्ट के फैसले नीचे बैठे ये लोग करते हैं।

चिल्लाओ मत इंस्पेक्टर, ये देवा की अदालत है, और मेरी अदालत में अपराधियों को ऊंचा बोलने की इजाज़त नहीं।

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