भारतीय संविधान को मुद्रित या टाइप आउट नहीं किया गया था, बल्कि इसे सुलेखक प्रेम बिहारी नारायण रायज़ादा द्वारा एक बहती हुई इटैलिक शैली में हाथों से लिखा गया था।
भारतीय संविधान के लागू होने के बाद ही देश में महिलाओं को मतदान का अधिकार प्राप्त हुआ।
डॉ भीमराव अंबेडकर ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 32, संवैधानिक उपचारों का अधिकार को संविधान का हृदय और आत्मा घोषित किया था।
भारतीय संविधान ने यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ के संविधानों से प्रावधानों को उधार लिया है।
हमारे संविधान के मूल सिद्धांत विभिन्न अन्य संविधानों से प्रेरित हैं।
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