कोलकाता। रोज वैली चिट फंड घोटाले को लेकर पश्चिम बंगाल की राजनीति में गहमागहमी छा गई है। दरअसल रोज वैली चिट फंड घोटाले में तृणमूल कांग्रेस के दो सांसदों की गिरफ्तारी हुई थी। मगर अब इस घोटाले में करीब 3 नेताओं के नाम सामने आए हैं। जिसमें 2 ममता बनर्जी मंत्रिमंडल के वरिष्ठ मंत्री हैं। गौरतलब है कि पिछले सप्ताह सीबीआई दल के दो सांसदों सुदीप बंदोपाध्याय व तपस पाल को पकड़ लिया गया है।
रोज वैली चिट फंड घोटाले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो की जांच आगे जा रही है। वैसे वैसे ये घोटाला शारदा समूह घोटाले से बड़ा है। एक लोकप्रिय व प्रतिष्ठित पत्रिकार के हवाले से यह जानकारी दी गई है कि प्रवर्तन निदेशालय कर रिपोर्ट की एक प्रति उनके पास है। जिससे यह जानकारी मिलती है कि तृणमूल के दिग्गज नेता जांच के दायरे में हैं।
तो दूसरी ओर पश्चिम बंगाल में चिट फंड घोटाले के मनी लाॅन्ड्रिंग पहलू की जांच की गई है। इतना ही नहीं ईडी को तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के विरूद्ध संयोग से सबूत मिल गए थे। इतना ही नहीं प्रवर्तन निदेशालय से जो सबूत जुटाए गए उन सबूतों को आगे जांच हेतु सीबीआई को सौंपा जा चुका है। वर्ष 2015 में ममता बनर्जी कैबिनेट के वरिष्ठ मंत्री का नाम भी रिपोर्टग् में शामिल है।
इसका संबंध कोलकाता से दिया गया है। इतना ही नहीं उत्तर बंगाल से मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के छात्र विंग के पूर्व अध्र्यक्ष का नाम दिया गया है। उक्त रिपोर्ट में ईडी ने उल्लेख किया कि कोलकाता से संबंध रखने वाले मंत्री रोज वैली के प्रमुख गौतम कुंडू की सहायता की थी। दरअसल उत्तर बंगाल के मंत्री को लेकर कहा गया है कि रोज वैली के आॅनर को मु ख्यमंत्री ममता बनर्जी के उत्तर बगाल के दौरे के तहत उनसे भेंट करवाई गई थी।
इस मामले में गौतम कुंडू के सिलीगुड़ी व दूआरस में शिक्षा व होटल के कारोबार को प्रभावित किया गया था। तृणमूल के नेता का नाम दिया गया है कि तृणमूल छात्र परिषद का वह पूर्व अध्यक्ष है। इस तरह के नेता शारदा घोटाले में जांच के दायरे में हैं और इस नेता को लेकर कहा गया कि रोज वैली समूह की कंपनी के मनी मार्केटिंग के बिजनेस से गहरे तौर पर जुडा था। इस व्यक्ति ने बाजार से वित्त प्रबंधन किया था और फिर लोगों को प्रशिक्षण दिया था।
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