नई दिल्ली : देश की जीडीपी वृद्धि दर मौजूदा वित्त वर्ष में 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है. पिछले वर्ष 2015-16 में 7.6 प्रतिशत थी. यह जानकारी केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी किये गए आंकड़ों से मिली.
आर्थिक विशेषज्ञों के अनुसार आर्थिक वृद्धि दर में कमी का मुख्य कारण विनिर्माण, खनन तथा निर्माण क्षेत्रों में नरमी होना है. सरकार के इस आंकड़े में नोटबंदी के बाद के उतार-चढ़ाव वाले आंकड़े को शामिल नहीं किया गया है. इस बारे में मुख्य सांख्यिकीविद टीसीए अनंत ने बताया कि नवंबर के उपलब्ध आंकड़ों का विश्लेषण किया गया लेकिन यह पाया गया कि नोटबंदी की नीति के कारण इन आंकड़ों में उतार-चढ़ाव काफी अधिक है. ऐसे में नवंबर केआंकड़ों को अनुमान में शामिल नहीं करने का फैसला किया गया.
बता दें कि वास्तविक जीडीपी या सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) स्थिर मूल्य 2011-12 पर 2016-17 में 121.55 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है.वहीं 2015-16 के लिये 31 मई 2016 को जारी जीडीपी के अस्थायी अनुमान के तहत यह 113.50 लाख करोड़ रूपए था. सीएसओ ने कहा कि वित्त वर्ष 2016-17 में जीडीपी में वृद्धि 7.1 प्रतिशत अनुमानित है, जो 2015-16 में 7.6 प्रतिशत थी.