नईदिल्ली। संसद की लोक लेखा समिति ने वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों और रिज़र्व बैंक आॅफ इंडिया के गवर्नर उर्जित पटेल को 28 जनवरी को अपने सामने प्रस्तुत होने के लिए कहा गया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केवी थाॅमस की अध्यक्षता वाली समिति ने रिज़र्व बैंक आॅफ इंडिया के गवर्नर से कुछ प्रश्न किए इस दौरान उन्होंने कहा कि नोटबंदी पर रिज़र्व बैंक आॅफ इंडिया की भूमिका रही और इसके प्रभव को लेकर सवाल किए गए हैं।
इस मामले में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि नोटबंदी का निर्णय रिज़र्व बैंक आॅफ इंडिया व इसके बोर्ड द्वारा लिया गया। इस दौरान सरकार द्वारा निर्णय लिया गया कि आखिर क्या आप सहमत हैं। इस मामले में कहा गया कि नोटबंदी भारत के हित में है।
क्या। आखिर अचानक से 500 रूपए और 1 हजार रूपए के नोट बंद करने को लेकर रिज़र्व बैंक ने क्या कारण जाने हैं। क्या जाली मुद्रा को रोकने के लिए ऐसा किया गया तो यह जाली मुद्रा जीडीपी की तुलना में लगभग 12 प्रतिशत थी। रिज़र्वग् बैंक आॅफ इंडिया के अनुसार केवल 500 करोड़ रूपए की जाली मुद्रा थी।
ऐसे में नोटबंदी का निर्णय लिया गया हालांकि भारत में मौजूद नकदी में उच्च मूल्य के नोट का भाग 86 प्रतिशत था चीन में 90 प्रतिशत और अमेरिका में 81 प्रतिशत था। क्या ऐसे में नोटबंदी का निर्णय लिख गया।
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