नई दिल्ली : पूर्वी दिल्ली में फ़िलहाल जगह - जगह कूड़े के ढेर लगे हुए हैं, क्योंकि ईस्ट दिल्ली में सफाई कर्मचारी पांच दिन से हड़ताल पर हैं.ऐसा लग रहा है कि जैसे दिल्ली कूड़े की राजधानी बन गई है.
दरअसल सफाईकर्मियों की इस हड़ताल का खास कारण कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलना है.वहीं दिल्ली की केजरीवाल सरकार कह रही है कि हड़ताली कर्मचारियों के लिए 119 करोड़ रुपये का फंड जारी किया गया है. सरकार और सफाईकर्मियों के बीच की लड़ाई में जनता की परेशानियां बढ़ गई है.जनता की तकलीफों को देखते हुए एनजीटी ने सफाई कर्मचारियों की हड़ताल और तनख्वाह को लेकर दिल्ली सरकार और सफाई कर्मचारी यूनियन को नोटिस जारी कर कल तलब किया है. सरकार की ओर से हड़ताल खत्म होने की बात कही जा रही है लेकिन सफाई कर्मियों ने ये दावा खारिज कर दिया.
गौरतलब है कि दिल्ली में अब तक कम से कम पांच बार सफाई कर्मचारियों की हड़ताल हो चुकी है. देश के सभी मेट्रो शहरों में सबसे ज्यादा कूड़ा दिल्ली में होता है. दिल्ली में रोज 10 हजार टन कूड़े का ढेर पैदा होता है. एक आंकड़े के अनुसार 2021 तक दिल्ली में कूड़ा डालने के लिए 6 हजार 920 एकड़ जगह की जरूरत पड़ेगी.जबकि अब तक दिल्ली-एनसीआर में नए कूड़ाघर की कोई जगह अभी तय नहीं हुई है.