इलाहाबाद: नोटबंदी के बाद से देश में जहा बड़ी मात्रा में कालाधन सामने आया है, वही हाल में मिली जानकारी में पता चला है कि बैंको द्वारा भी लोगो की काली कमाई को सफ़ेद करने का प्रयास तथा नकली नोटों के चलन जैसा काम किया गया है. इस सम्बन्ध में पहले भी कार्यवाही हो चुकी है, किन्तु हाल में ऐसे और भी मामले पकड़ में आये है, जिनमे पैसों के हेरफेर में बैंको की भूमिका पायी गयी है. जिसके चलते आरबीआई ने ऐसे लोगो पर कार्यवाही करने के निर्देश के साथ एक्शन लिया जा रहा है.
ख़ुफ़िया एजेंसी द्वारा की जा रही इस जाँच में जहा कालेधन को सफ़ेद बनाने का प्रयास किया गया, वही बैंकों में 1000 और 500 रुपए ही नहीं, बल्कि 100 रुपए के नकली नोट का इस्तेमाल किया गया. ख़ुफ़िया एजेंसी कि इस कार्यवाही में बैंक मेनेजर के साथ बैंक कर्मचारी भी निशाने पर आ गए है.
नकली नोट के खेल में इलाहाबाद स्थित मुट्ठीगंज शाखा सेंट्रल बैंक, खुल्दाबाद के बैंक ऑफ बड़ौदा, सिविल लाइंस स्थित इलाहाबद बैंक और कटरा के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का नाम सामने आया है, जिसमे इन बैंको की भूमिका सामने आयी है. भारतीय रिज़र्व बैंक के आदेश पर इन बैंको के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवा दी गयी है. वही इनकी जाँच बड़े स्तर पर की जा रही है.
आपको बता दे कि इससे पहले भी ऐसे कई बैंक्स है जिन पर कालाबाजारी के आरोप में कार्यवाही की जा चुकी है. वही इस मामले में अभी और भी तथ्य सामने आ सकते है.
नोटबन्दी में सहकारी बैंकों की साजिश से काला धन हुआ सफ़ेद
नोटबंदी : सोचा था वैसे नहीं पर दूसरी तरह से अधिक सफल हो गई
नोटबन्दी के बाद 4807 करोड़ का कालाधन सामने आया