शैक्षणिक संस्थाओं में दाखिले लेने वाले स्टूडेंट्स द्वारा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्ग के फर्जी प्रमाणपत्र का इस्तेमाल करने पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय के विचाराधिकार द्वारा एआईसीटीई ने ऐसे मामलों का डाटाबेस तैयार करने का फैसला किया है ताकि हो रहे इस फर्जीबाड़े से छुटकारा मिल सके साथ ही साथ दाखिला लेने के लायक छात्रों को इसका लाभ मिल सके.
बतया जा रहा है की हजारों की संख्या में इंजीनियरिंग कॉलेजों एवं संस्थानों को भेजे परिपत्र में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने कहा है कि भारत सरकार शैक्षणिक संस्थाओं में दाखिले के लिए एससी, एसटी और ओबीसी के फर्जी प्रमाणपत्रों के इस्तेमाल की शिकायतों पर काफी चिंतित है.
परिषद ने कहा कि भारत सरकार की ओर से जताई गई गंभीर चिंता के मद्देनजर सभी संस्थाओं से ऐसे मामलों की पहचान के लिए तंत्र तैयार करने को कहा गया है जहां दाखिले की प्रक्रिया के दौरान ही फर्जी जाति प्रमाणपत्रों के उपयोग की पहचान की जा सके.