क्या आप जानते है की भगवान शिव और माता की एक पुत्री भी थी?जिसका नाम अशोक सुंदरी था.माता पार्वती ने अपने अकेलेपन को दूर करने के लिए कल्पवृक्ष द्वारा अशोक सुंदरी को जीवन दिया था.कल्पवृक्ष मनोकामना पूर्ण करने वाला वृक्ष है, पार्वती ने अपने अकेलेपन को दूर करने हेतु उस वृक्ष से यह वर मांगा कि उन्हेंव एक कन्या प्राप्त हो, तब कल्पवृक्ष द्वारा अशोक सुंदरी का जन्म हुआ. माता पार्वती ने उस कन्या को वरदान दिया कि उसका विवाह देवराज इंद्र जैसे शक्तिशाली युवक से होगा.
एक बार अशोक सुंदरी अपने दासियों के साथ नंदनवन में विचरण कर रहीं थीं तभी वहां हुंड नामक राक्षस का आया. जो अशोक सुंदरी के सुंदरता से मोहित हो गया और उसने अशोक सुंदरी के सामने विवाह का प्रस्ताव रखा.
लेकिन अशोक सुंदरी ने अपने भविष्य के बारे में बताते हुए विवाह के बारे में भी बताया कि उनका विवाह नहुष से ही होगा. यह सुनकर राक्षस ने कहा कि वह नहुष को मार डालेगा. ऐसा सुनकर अशोक सुंदरी ने राक्षस को शाप दिया कि उसकी मृत्यु नहुष के हाथों ही होगी. वह घबरा गया जिसके चलते उसने नहुष का अपहरण कर लिया.
उस समय नहुष काफी छोटे थे. नहुष को राक्षस हुंड की एक दासी ने बचाया. इस तरह महर्षि वशिष्ठ के आश्रम में नहुष बड़े हुए और उन्होंने हुंड का वध किया. इसके बाद नहुष तथा अशोक सुंदरी का विवाह हुआ तथा वह ययाति जैसे वीर पुत्र तथा सौ रूपवती कन्याओं की अशोक सुंदरी माता बनीं.
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