मुंबई। नोटबंदी को लेकर भारतीय रिज़र्व बैंक समय समय पर नियम जारी करता रहा है। ये नियम आम जन को सुविधा पहुंचाने के लिए जारी किए गए थे। अब नोटबंदी की अवधि समाप्त हो जाने के बाद केंद्रीय बैंक के अधिकारियों द्वारा कहा गया है कि जो भी प्रक्रिया अपनाई जा रही है और जो नियम जारी किए जा रहे हैं उसे लेकर कोई भी मुंह नहीं खोलेगा। यदि ऐसा किया गया तो उसकी जान को खतरा हो सकता है।
ऐसा जवाब सूचना के अधिकार के तहत किए गए सवाल के जवाब में दिया गया। गौरतलब है कि 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 500 रूपए और 1000 रूपए के पुराने नोट को बंद करने का निर्णय लिया गया था। इसके बाद नोटबंदी को लेकर कई नियम जारी हुए थे। मगर बड़े पैमाने पर नोटबंदी का विरोध करने वाले भी सक्रिय हो गए थे।
जिससे लोगों में असमंजस की स्थिति बन गई थी। लोगों के बीच नकारात्मका का निर्माण भी हुआ था। आरबीआई ने कहा कि सरकार ने उसकी सिफारिश पर नोटबंदी का निर्णय लिया था। हालांकि आरबीआई के अधिकारियों द्वारा मीडिया से कहा गया कि प्रारंभ में यह नहीं तय हो पा रहा था कि नोटबंदी की जाए या नहीं और फिर नए नोट किस तरह से जारी होंगे फिर नए नोट की तैयारी की जाती रही।
कालेधन और जाली नोट को समाप्त करने के लिए आरबीआई ने सरकार को नोटबंदी का सुझाव दिया था। कहा गया था कि और भी बड़े अमाउंट के नोट छापे जाऐं लेकिन बाद में 2 हजार रूपए के नोट छापने की बात तय हो गई और फिर सरकार से अनुमति मिली।
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