नईदिल्ली। समाजवादी पार्टी में दो गुट हो गए हैं और दोनों ही गुट पार्टी पर अपने अपने दावे करने में लगे हैं। पार्टी का एक गुट मुलायम सिंह यादव का समर्थक है तो दूसरा गुट रामगोपाल यादव के नेतृत्व में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का समर्थन कर रहा हैं इस गुट के पास मौजूदा सरकार के सबसे अधिक विधायक और पार्टी की विभिन्न सीटों के कुछ सांसद व पार्टी कार्यकर्ताओं का समर्थन है। यह गुट मजबूती से अपना दावा कर रहा है तो दूसरी ओर एक गुट द्वारा कहा जा रहा है कि मुलायम सिंह यादव ही पार्टी के संस्थापक और अध्यक्ष हैं।
मगर दोनों ही गुट चुनाव चिन्ह साइकिल को लेकर भारत निर्वाचन आयोग के पास पहुंच गए हैं हालांकि शुक्रवार दोपहर को भारत निर्वाचन आयोग ने इस मामले में चर्चा की मगर अभी चुनाव आयोग ने अपना निर्णय नहीं दिया है। चुनाव आयोग ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने कहा कि पार्टी में किसी तरह की टूट नहीं हुई है।
मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जै़दी ने सवाल किया और पूछा कि चुनाव चिन्ह किसे दिया जाना चाहिए। ऐसे में मुलायम ने अपना दावा किया तो चुनाव आयुक्त जै़दी ने पार्टी में दो गुट बनने की बात का उल्लेख किया। सुनवाई के दौरान सीएम अखिलेश यादव की ओर से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और अभिभाषक कपिल सिब्बल वहां मौजूद थे।
जानकारों का मानना है कि एक ही दल में चुनाव चिन्ह को लेकर विवाद की घटना पहले दो बार हो चुकी है। पहले कांग्रेस में इंदिरा गांधी के गुट ने वर्ष 1969 में दो बैलों की जोड़ी पर कब्जे की बात कही थी तो दूसरी ओर वर्ष 1999 में जनता दल के चुनाव चिन्ह पर कब्जे को लेकर शरद यादव व एचडी देवेगौड़ा गुट के बीच विवाद सामने आया था। चक्र चुनाव चिन्ह को लेकर दो गुट आपस में लड़ने लगे थे।
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