नई दिल्ली : दक्षिण भारत में पोंगल के अवसर पर आयोजित होने वाले जलीकट्टू का मामला भले ही अभी सुप्रीम कोर्ट में है, बावजूद इसके तमिलनाडू समेत अन्य कई क्षेत्रों में उत्साही लोगों ने कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ाते हुये जलीकट्टू का आयोजन किया। सुप्रीम कोर्ट ने जलीकट्टू मामले में जल्दी नया आदेश देने से इनकार किया है। इसके चलते आयोजन पर प्रतिबंध है, लेकिन इसके बाद भी लोगों ने पोंगल के मौके पर जलीकट्टू का आयोजन करने से गुरेज नहीं किया।
दक्षिण भारत में पोंगल के अवसर पर सांडों और बैलों की दौड़ का आयोजन होता है। शनिवार को भी सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंध का उल्लंघन करते हुये युवाओं के समूहों ने आयोजन किया। इधर जलीकट्टू को अनुमति देने की मांग को लेकर राज्य में विरोध प्रदर्शन का भी सिलसिला जारी है।
बताया गया है कि इस खेल के तहत बीते वर्षों में न केवल कई लोग घायल हो चुके है वहीं कुछ एक लोगों की जान भी जा चुकी है। इधर तमिलनाडु के राजनीतिक दलों द्वारा केन्द्र सरकार से अध्यादेश लाने की मांग पर अड़े हुये है। केन्द्रीय मंत्री पोन राधाकृष्णन का कहना है कि अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद ही जारी किया जा सकता है, इसलिये उन्होंने दक्षिण भारत के लोगों से माफी भी मांगी है।
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