अर्थशास्त्र में धन की असमानता को कई समस्याओं का जनक माना गया है. अमीरों और गरीबों के बीच बढ़ती इस खाई पर गरीबी से जुड़े आंकड़ों का विश्लेषण करने वाले अंतरराष्ट्रीय संगठन ऑक्सफैम की नई रिपोर्ट में चिंता व्यक्त की गई है.
रिपोर्ट के अनुसार भारत के सिर्फ 1 फीसदी लोगों के पास देश की 58 प्रतिशत संपत्ति है, वहीं, दुनिया की आधी आबादी (करीब 3.6 अरब लोग) के बराबर संपत्ति दुनिया के सिर्फ 8 लोगों के पास है. जबकि पिछले साल ऑक्सफैम की रिपोर्ट में 62 लोगों के पास दुनिया की आधी आबादी के बराबर संपत्ति बताई गई थी.अमीरो और गरीबो के बीच निरंतर बढ़ते फासले ने इस विषय पर गंभीरता से विचार करने पर मजबूर कर दिया है.सम्भवतः इसीलिए दावोस में 17 जनवरी से वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की वार्षिक बैठक में असमानता के मुद्दे पर चर्चा की जाएगी.
जहाँ तक भारत के शीर्ष अमीरों का सवाल है तो ऑक्सफैम ने भारत से जुड़े आंकड़ों को दो तरह से बांटा है. पहला यह कि भारत की कुल संपत्ति 3.1 ट्रिलियन डॉलर यानी 68 लाख करोड़ रुपए है. इसमें से 58 फीसदी संपत्ति देश के सिर्फ 1 प्रतिशत लोगों के पास है और दूसरा यह कि अगर सिर्फ अरबपतियों की बात करें तो भारत के 57 अरबपतियों के पास 14 लाख 72 हजार करोड़ रु. (21 हजार 600 करोड़ डॉलर) की संपत्ति है. जबकि इतनी ही संपत्ति देश की 70 फीसदी आबादी के पास है.अरबपतियों में 19.3 बिलियन डॉलर की संपत्ति के साथ मुकेश अंबानी टॉप पर हैं. 16.7 बिलियन डॉलर की संपत्ति के साथ दिलीप सांघवी दूसरे नंबर पर और 15 बिलियन डॉलर की संपत्ति के साथ अजीम प्रेमजी तीसरे नंबर पर हैं.
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