गुस्सैल बच्चे पर कैसे पाएं काबू

गुस्सैल बच्चे पर कैसे पाएं काबू
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किसी ने सच ही कहा है कि “बचपन और बुढ़ापे में कोई अंतर नहीं”....जिस प्रकार बुढ़ापे में किसी व्यक्ति का अपनी भावनाओं पर कोई काबू नहीं होता और वो पल-पल में चिड़चिड़ाने या गुस्सा करने लगता है,उसी प्रकार बचपन भी है। बच्चे को भी अपने गुस्से के पीछे का कारण नहीं पता होता। ऐसे में हम बड़ों को चाहिए कि बच्चों के इस भाव को समझे और उन्हें इससे बाहर निकालने की कोशिश करें।

गुस्से को समझे- हर चीज के पीछे एक वजह होती है, इसी प्रकार बार-बार गुस्सा आने के पीछे भी कई कारण छुपे होते हैं। ऐसे में ये जरूरी है कि आप उस कारण को समझे, तभी आप गुस्से पर काबू रखवा पाएंगे। कई बार जो चाहिए, वो नहीं मिल पा रहा है, ऐसी स्थिति में फ्रस्टेशन होता है, जो फूट कर गुस्से के रूप में बाहर निकलता है।

सहायक पक्ष- बच्चे तो जिद्द करते ही हैं लेकिन बड़ों का काम है, उन्हें रोकना। मगर कई बार बच्चों की जिद्द को बढ़ावा देने के लिए घर में दादा-दादी या नाना-नानी जैसे सपोर्टिंग फैक्टर मौजूद होते हैं जो लाड़ व दुलार में बार-बार उनकी ख्वाहिशों को पूरा कर देते हैं और इससे बच्चा गुस्से को अपनी बात मनवाने का हथियार बना लेता है।

हकीकत से करवाएं रूबरू- काल्पनिक दुनिया में जीने वाले बच्चे को वास्तविक दुनिया की सच्चाई दिखाना बहुत जरूरी है। उसे ये एहसास दिलाएं कि हर बार उसकी डिमांड पूरी नहीं हो सकती। क्योंकि अगर बच्चे की यही टेंडेंसी बढ़ती गई तो आगे चलकर उसका यह व्यवहार समाज के खिलाफ हो जाएगा। ऐसे में ये जरूरी है कि बच्चे की इस आदत को बचपन में ही छुड़वाएं ताकि बड़े होने पर किसी को उसके व्यवहार से कोई प्रॉब्लम न हो।

पलट कर करें सवाल- बच्चों को जरूरत और चाहत के बीच अंतर समझाएं। यदि उसे स्कूल शूज और कार चाहिए तो उसे पहले शूज दिलाकर जरूरत का मोल समझाएं। इसके अलावा यदि बच्चा मॉल में किसी खिलौने की जिद्द करें तो उससे पूछे कि उसे ये क्यों चाहिए, और अभी ही क्यों चाहिए। यदि उनकी कोई सच में जरूरत है तो उस पर विश्वास करें और उसे वो दिलवाएं। इसके साथ ही पैसों की कीमत भी उसे समझाएं।

चिड़चिड़ापन- कई बार बच्चे को गुस्सा चिड़चिड़े स्वभाव के कारण भी आता है। ये स्वभाव ठीक से खाना न खाने, नींद न पूरी होने, स्कूल में टीजिंग या दिल की बात न बता पाने के कारण आता है। ऐसे में उसकी भावनाओं को समझे और उसे प्यार से कंट्रोल करें।

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