साबुन एक ऐसा प्रोडक्ट है जिसके बिना हमारे रोजमर्रा के काम अधूरे रह जाते हैंI साबुन का हर घर में धड़ल्ले से प्रयोग किया जाता हैI अक्सर हम साबुन खरीदते वक्त बहुत सी बातों को नजरन्दाज कर देते हैंI साबुन के रंग और उसकी खुश्बू से इम्प्रेस होकर हम उस साबुन का इस्तेमाल करने लगते हैंI आपको खुशबू वाले साबुनों एवं डाई से दूर रहना चाहिए क्योंकि सुगंध और फैब्रिक डाई सेंसिटिव स्किन को काफी नुकसान पहुंचा सकते हैं। हर स्किन की अपनी अलग जरूरते होती हैI साबुन खरीदने से पहले हमेशा नीचे बतायी गयी बातों का ख़याल रखना चाहिए।
• जो लोग ऑयली स्किन से परेशान रहते हैं वो अक्सर इससे छुटकारा पाने के लिए ऐसे साबुन का इस्तेमाल करते हैं जिसमे ट्राइक्लोसन और ट्राइक्लोकार्बन जैसे एंटीबैक्टीरियल एजेंट होते हैं जो तैलीय त्वचा वालों के लिए अच्छी तरह काम करते हैंI
• अगर आपकी त्वचा काफी सूखी है तो आप मॉइस्चराइसिंग साबुन का प्रयोग कर सकते हैं। ग्लिसरीन युक्त साबुन भी नार्मल और ड्राई स्किन के लिए एक बेहतर ऑप्शन हैI
• साबुन में अक्सर ज्यादा झाग बनाने के लिए सोडियम लारेल सल्फेट का इस्तेमाल होता है जिससे से त्वचा की कोशिकाएं शुष्क हो जाती हैं और कोशिकाओं के मृत होने की संभावना रहती है.
• केमिकल सोप त्वचा के लिए लाभदायक नहीं हैI साबुन खरीदने से पहले उसके रैपर पर टीएफएम (टोटल फैटी मैटर) का प्रतिशत जरूर देखें। एक अच्छे साबुन में टीएफएम 75 प्रतिशत से ज्यादा होता हैI
• अगर आप साबुन के दुष्प्रभावों से बचना चाहते हैं तो हर्बल और आयुर्वेदिक सोप आपके लिए बेस्ट ऑप्शन रहेंगे। आजकल बाजार में हल्दी, चंदन, एलोवेरा और बादाम के गुणों से भरपूर साबुन भी मिलते हैं। ऐसे साबुन आपकी त्वचा को इतना नकसान नहीं पहुंचाएंगे।