नई दिल्ली : जीएसटी को लेकर सरकार का मंथन जारी है.कर व्यवस्था को कम पीड़ादायक बनाने का प्रयास किये जा रहे है. इसी दिशा में केंद्र व राज्य सरकारों ने दंडनीय प्रावधानों को हल्का करने का प्रयास किया है ताकि दो करोड़ रुपये तक की टैक्स चोरी पाये जाने पर व्यापारी को तुरंत जमानत मिल सके.
इस बारे में एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि जीएसटी में कर चोरी की रकम दो करोड़ रुपये से कम है तो आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तार करने पर जमानत दी जा सकेगी.जीएसटी के दंडात्मक प्रावधान आई पीसी के समान अपराधों के मुकाबले कम पीड़ादायक होंगे. आई पीसी के तहत धोखाधड़ी का अपराध गैर जमानती होता है. इसका मतलब यह है कि आरोपी को जमानत सिर्फ अदालत से ही मिल सकती है.जीएसटी काउंसिल ने पिछली बैठक में तय किया है कि गिरफ्तारी का प्रावधान तभी लागू होगा जब धोखाधड़ी का मामला बनता हो. हालाँकि निर्धारित समय में टैक्स जमा न करने पर भी गिरफ्तारी हो सकती है.
आपको बता दें कि जीएसटी के पिछले मसौदे में ये मामले भी आपराधिक श्रेणी में रखे गये थे.जीएसटी में अन्य अपराध जैसे गलत इनपुट टैक्स क्रेडिट, रिफंड या दस्तावेज देने में गड़बड़ी होने पर सिर्फ वित्तीय जुर्माने की व्यवस्था है. इन मामलों में गिरफ्तारी नहीं होगी. इसी तरह सर्विस टैक्स के मामले में अभी 50 लाख से ज्यादा टैक्स जमा न करने पर गिरफ्तारी की व्यवस्था है. हालांकि आयुक्त को गिरफ्तारी टालने का अधिकार रहेगा.