नई दिल्ली : सशस्त्र सैन्य अधिकरण ने सेना के एक अधिकारी का कोर्ट मार्शल रद्द करने का फैसला सुनाया है। इसके साथ ही रक्षा मंत्रालय पर पांच करोड़ का जुर्माना भी ठोंक दिया। अधिकरण का यह फैसला ऐतिहासिक तो है ही भारतीय सेना के इतिहास में संभवतः ऐसा पहली बार ही हुआ होगा जब किसी सैन्य अधिकारी का कोर्ट मार्शल रद्द किया गया हो।
बताया गया है कि अधिकरण ने सुनवाई करते हुये सेना के सेकेंड लेफ्टिनेंट रहे एसएस चैहान का कोर्ट मार्शल रद्द करने का हुक्म सुनाया और कहा कि उन्हें बहाल कर सेवा के सभी लाभ दिये जायें। न्यायमूर्ति देवीप्रसाद सिंह की अध्यक्षता वाली पीठ ने तीन सौ पेज के फैसले में चैहान को चार करोड़ और एक करोड़ रूपये आर्मी सेंट्रल वेलफेयर कोष में जमा कराने के लिये कहा है।
इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि यदि चैहान चाहे तो वे अपने उपर हुये हमले के मामले में पुलिस में भी शिकायत दर्ज करा सकते है। बताया गया है कि अधिकरण से सेना प्रमुख को यह भी निर्देश दिये है कि वे मामले को गंभीरता से ले तथा चैहान के विरूद्ध की गई जांचों में उन्हें प्रताड़ित करने या फंसाने वालों के खिलाफ जांच कर सख्त कार्रवाई को अंजाम दें।