नई दिल्ली : कहावत है कि रस्सी जल गई , पर बल नहीं गया यह बात चुनाव आयोग के सन्दर्भ में दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल के दिए बयान पर मुफीद बैठती नजर आ रही है. पैसे (रिश्वत) लेकर वोट देने वाले बयान पर चुनाव आयोग की फटकार लगने के बाद अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को चुनाव आयोग को लिखे पत्र में कहा कि चुनावों में पैसे बांटकर वोट लेने की पड़ताल के लिए चुनाव आयोग मुझे अपना ब्रांड एम्बेसडर बनाएगा. लेकिन मुझे ऐसा कहने से रोककर आयोग ने खुद भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया. बड़बोले केजरीवाल ने कहा कि मेरा बयान रिश्वतखोरी के खिलाफ प्रचारित करें तो दावा करता हूं कि दो साल में यह परंपरा खत्म होगी.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी को लिखे पत्र में केजरीवाल ने आयोग से मामले को रिव्यू करने और उन्हें फिर ऐसे बयान देने की इजाजत देने की मांग की गई, ताकि जो मतदाता को घूस देते हैं, उनकी पड़ताल हो सके. मैंने किसी को घूस लेने के लिए नहीं उकसाया.आप संयोजक ने लिखा सभी आरोप झूठे हैं.
इस मामले में बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि आयोग और पूरी चुनावी प्रक्रिया को दरकिनार कर केजरीवाल खुद को राजनीति का जज समझने लगे हैं. खुद भ्रष्ट मंत्रियों की फौज लिए बैठे हैं और दोबारा पैसे लेकर वोट देने वाला बयान देना चाहते हैं.केजरीवाल ऐसा बयान देकर जनता को रिश्वत के लिए उकसा रहे हैं. इसी पर तो उनकी पूरी राजनीति टिकी हुई है. वे ईवन डे पर दिल्ली, ऑड डे पर पंजाब और हॉली डे पर गोवा का मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं.
सिर्फ एक मंत्री के भरोसे दिल्ली की सरकार
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