नई दिल्ली : इंदिरा गांधी की 31 अक्तूबर 1984 को हत्या होने के एक दिन बाद तैयार की गई सीआईए की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि सोवियत संघ को उम्मीद थी कि अपने छोटे बेटे संजय गांधी को उत्तराधिकारी के रुप में बढावा देने की इंदिरा गांधी की कोशिशों के बावजूद राजीव गांधी ही उनके उत्तराधिकारी होंगे.
उल्लेखनीय है कि इंदिरा गांधी की 31 अक्तूबर 1984 को हत्या होने के एक दिन बाद तैयार एवं हाल ही में सार्वजनिक की गई लगभग 1. 2 करोड पन्नों की एक रिपोर्ट में में कहा गया है कि सोवियत संघ ने इंदिरा के अपने छोटे बेटे संजय को उत्तराधिकारी के तौर पर बढावा देने की कोशिश को गंभीरता से नहीं लिया था.रूस को पता था कि राजीव गाँधी ही उत्तराधिकारी होंगे.बता दें कि 1980 में संजय की मौत के बाद राजीव अपनी मां के संभावित उत्तराधिकारी बने थे.ऐसा मानना था कि सिखों के खिलाफ प्रतिशोध नियंत्रित करने में राजीव की सफलता से भारत पर सोवियत प्रभाव मजबूत होगा.
बता दें कि सीआईए को यह भी लगता था कि मास्को राजीव की अंदरुनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करेगा और यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेगा कि भारत सोवियत संबंधों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता उनकी मां जैसी ही रहे.
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