एकाक्षी नारियल को तंत्र शास्त्र में बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. इसे साक्षात लक्ष्मी का स्वरूप कहते है.यदि इसे विधि-विधान से घर में स्थापित कर लिया जाए तो उस व्यक्ति के घर में कभी पैसों की कमी नहीं रहती व उसकी हर मनोकामना पूरी होती है.
इसकी विधि इस प्रकार है-
1-सबसे पहले स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण कर अपने सामने थाली में चंदन या कुंकुम से अष्ट दल बनाकर उस पर इस नारियल को रख दें और अगरबत्ती व दीपक लगा दें.
2-शुद्ध जल से स्नान कराकर इस नारियल पर पुष्प, चावल, फल, प्रसाद आदि रखें और लाल रेशमी वस्त्र ओढ़ाएं. इसके बाद उस रेशमी वस्त्र को जो कि आधा मीटर लंबा हो बिछाकर उस पर केशर से यह मंत्र लिखें-
ऊँ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं महालक्ष्मीं स्वरूपाय एकाक्षिनालिकेराय नम: सर्वदिद्धि कुरु कुरु स्वाहा.
3-फिर इस रेशमी वस्त्र पर नारियल को रख दें और यह मंत्र पढ़ते हुए उस पर 108 गुलाब की पंखुडिय़ां चढ़ाएं अर्थात प्रत्येक पखुंड़ी चढ़ाते समय इस मंत्र का उच्चारण करते रहें-
मंत्र- ऊँ ऐं ह्रीं श्रीं एकाक्षिनालिकेराय नम:.
4-इसके बाद गुलाब के पंखुडिय़ां हटाकर उस रेशमी वस्त्र में नारियल को लपेटकर थाली में चावलों की ढेरी पर रख दें और इस मंत्र की 3 माला जपें-
मंत्र- ऊँ ह्रीं श्रीं क्लीं ऐं एकाक्षाय श्रीफलाय भगवते विश्वरूपाय सर्वयोगेश्वराय त्रैलोक्यनाथाय सर्वकार्य प्रदाय नम
5-सुबह उठकर पुन: 21 गुलाब से पूजा करें और उस रेशमी वस्त्र में लिपटे हुए नारियल को पूजा स्थान में रख दें. इस प्रकार एकाक्षी नारियल को घर में स्थापित करने से धन लाभ होता है.
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