इलाहाबाद: डेढ करोड श्रद्धालुओं ने शुक्रवार को कड़ाके की ठंड और सुबह बारिश के बावजूद मौनी अमावस्या के पवित्र मौके पर गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम तट पर डुबकी लगाई. संगम के आस पास पूरे क्षेत्र में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही. संगम पर एक महीने का माघ मेला भी चल रहा है.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि घाटों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए थे. चप्पे-चप्पे पर पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था. नदी में जल पुलिस विशेष सुरक्षा निगरानी कर रही थी और घाटों की ओर जाने वाले प्रमुख मार्गों परप्रतिबंध था.
मेला प्रभारी आशीष कुमार मिश्रा ने बताया कि सुबह 9 बजे से अब तक करीब डेढ़ करोड़ श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई है. मिश्रा ने बताया कि, मेले में विभिन्न संस्कृतियों, भाषाओं और विविधताओं का संगम भी देखने को मिल रहा है. उन्होंने बताया कि प्रशासन ने सुरक्षा और साफ-सफाई की पूरी व्यवस्था करवाई है.
महत्व
हिन्दू धर्म में माघ मास को बेहद पवित्र माना जाता है और इस मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है. लोगों का मानना है कि इसी दिन ब्रह्मा जी ने मनु महाराज तथा महारानी शतरुपा को प्रकट करके सृष्टि की शुरुआत की थी.
ज्योतिषाचार्यों की मानें तो आज का दिन दुर्लभ संयोग लेकर आया है. दरअसल, सदियों बाद इसका पुण्य योग 24 घंटे से ज्यादा समय तक रहेगा. आज के दिन गंगा में डुबकी लगाने से मोक्ष के द्वार खुल जाएंगे.
मौनी अमावस्या पर देव, दानव, मानव, किन्नर, पशु, पक्षी सभी एक साथ संगम में डुबकी लगाने आते हैं. इस दिन स्नान-दान करने वाले इंसान का जन्म-जन्मांतर का पाप धुल जाता है.
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