जबलपुर: मध्य प्रदेश के जबलपुर में उजागर हुए यूरिया घोटाले पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की फटकार के पश्चात् प्रशासन एक्शन में आ गया। फुर्ती ऐसी दिखाई कि जांच टीमों ने छापेमारी की कार्रवाई आरम्भ की तथा गायब हुए 1 हजार 20 टन यूरिया में से 130 मीट्रिक टन यूरिया तलाश भी निकाला।
मिल रही खबर के अनुसार, प्रशासन की इस छापेमारी की कार्रवाई में जबलपुर के खजरी खिरिया बाइपास मौजूद गायत्री वेयरहाउस एवं पाटन रोड स्थित DPMK वेयरहाउस में सरकारी यूरिया के स्टॉक का एक भाग मिल गया। गायब हुए बाकी यूरिया के भी सिवनी, छिंदवाड़ा एवं आस-पास के शहरों के निजी वेयरहाउस में होने का अंदेशा व्यक्त किया जा रहा है। यूरिया प्राप्त होने के पश्चात् प्रशासन की तरफ से कार्रवाई की गई है। कलेक्टर के निर्देश पर जिला विपणन अफसर ने लार्डगंज पुलिस थाने में FIR दर्ज करवाई है। कृषक भारती को-ऑपरेटिव संस्था के मार्केटिंग डायरेक्टर राजेन्द्र चौधरी, डीपीएमके फर्टिलाइजर के ट्रांसपोर्टर द्वारका गुप्ता एवं रैक हैंडलर के स्टेट मैनेजर जयप्रकाश सिंह समेत अन्य के विरुद्ध FIR दर्ज की गई है। लार्डगंज थाना पुलिस ने सभी अपराधियों के विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम एवं आपराधिक षडयंत्र की धाराओं में अपराध दर्ज किया है।
गौरतलब है कि किसानों को यूरिया प्राप्त करवाने के लिए जबलपुर में केंद्र सरकार से 2 हजार 666 टन यूरिया आवंटित हुआ था। नियमों के अनुसार, इसका 70 प्रतिशत भाग सरकारी एजेंसियों एवं 30 प्रतिशत भाग ओपन मार्केट में बिक्री के लिए कारोबारियों को दिया जाना था। किन्तु ये काम संभाल रही एजेंसी कृषक भारती को-ऑपरेटिव लिमिटेड ने ये सरकारी यूरिया मंडला, बालाघाट, सिवनी एवं छिंदवाड़ा जिलों तक पहुंचाने की जगह मार्ग में ही गायब करके प्राइवेट वेयरहाउसों में पहुंचा दिया। 1020 मीट्रिक टन सरकारी यूरिया गायब होने पर मचे हंगामे के बीच शुक्रवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जबलपुर संभागायुक्त के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर मामले में कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
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