बैंगलोर: कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टियां एक्टिव हो गई हैं. भाजपा और कांग्रेस ने कमर कस ली है और जनता के बीच संपर्क स्थापित करने में जुट गईं हैं. लेकिन, राजस्थान में कुर्सी की लड़ाई से परेशान कांग्रेस के लिए अब कर्नाटक में भी मुश्किलें खड़ी होती नज़र आ रहीं हैं। कांग्रेस के दिग्गज नेता जी परमेश्वर ने खुद स्वीकार किया है कि अप्रैल-मई में प्रस्तावित कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी को सत्ता मिलने पर वह CM पद के दावेदारों में शामिल हैं.
5 बार के विधायक परमेश्वर ने कहा कि पार्टी के चुनाव जीतने के बाद पार्टी हाईकमान अगले CM के संबंध में फैसला करेगा और कहा कि मौका दिये जाने की स्थिति में वह तैयार हैं. प्रदेश कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष डी के शिवकुमार और विधायक दल के नेता सिद्धरमैया कांग्रेस के सत्ता में आने की स्थिति में पहले से ही CM पद पर नज़र जमाए हुए हैं और अपनी आकांक्षाओं को लेकर बेहद मुखर भी हैं. कांग्रेस के सत्ता में आने पर एक दलित को सीएम बनाये जाने की संभावना के संबंध में एक सवाल पूछे जाने पर परमेश्वर ने कहा कि, हम किसी की जाति के आधार पर CM नहीं बनाते, उस वक़्त की स्थिति में जो भी सक्षम होता है, जो भी पार्टी के अभियान और उसके सिद्धांतों को पूरा करने की क्षमता रखता है, उसके आधार पर सीएम चुना जाता है. मुख्यमंत्री का चयन इस आधार पर नहीं किया जाता कि कोई दलित है या अन्य जाति से है.
CM पद की उनकी आकांक्षा के बारे में सवाल किए जाने पर परमेश्वर ने कहा कि, ‘मैं पॉलिटिक्स में क्यों हूं? सत्ता में आने के लिए, सभी की आकांक्षाएं होती हैं, हमारी पार्टी में करीब 10 लोगों की CM बनने आकांक्षाएं हैं, मैं भी उनमें से एक हूं. बता दें कि, परमेश्वर दलित समुदाय से आते हैं और एच डी कुमारस्वामी की अगुवाई वाली कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन सरकार के दौरान डिप्टी सीएम रहे थे. परमेश्वर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के लिए संभावनाएं ‘काफी अच्छी’ हैं और उन्हें भरोसा है कि पार्टी 100 फीसदी सरकार बनाएगी और सभी सर्वेक्षण भी पार्टी आगे चल रही हैं.
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