महज 100 रुपए में 100 एकड़ जमीन..! आज़म खान को अखिलेश सरकार ने दी थी, सीएम योगी ने वापस छीन ली

महज 100 रुपए में 100 एकड़ जमीन..! आज़म खान को अखिलेश सरकार ने दी थी, सीएम योगी ने वापस छीन ली
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लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार ने समाजवादी पार्टी (सपा) नेता आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी को दी गई जमीन का पट्टा रद्द करने का महत्वपूर्ण फैसला किया है। पिछली समाजवादी पार्टी सरकार के दौरान, आजम खान ने रामपुर में मुर्तजा हायर सेकेंडरी स्कूल भवन सहित पूरे परिसर का अधिग्रहण कर लिया था और इसे 99 वर्षों के लिए मौलाना मोहम्मद जौहर ट्रस्ट को पट्टे पर दे दिया था। करीब 100 करोड़ रुपये कीमत वाली 3825 वर्ग मीटर की इस संपत्ति का सालाना किराया महज 100 रुपये तय किया गया था।

पट्टा शर्तों के उल्लंघन के कारण हुआ निरस्तीकरण:-

बता दें कि, माध्यमिक शिक्षा विभाग के साथ अनुबंध करने वाले आजम खान पर अब इस अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप है।  जमीन वापस लेने का फैसला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में किया गया। इस कदम का असर न सिर्फ आजम खान के दफ्तर पर बल्कि रामपुर पब्लिक स्कूल की जमीन पर भी पड़ेगा। भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने पट्टे को लेकर चिंता जताई थी और आरोप लगाया था कि आजम खान ने शर्तों का उल्लंघन किया है। 

आजम खान की जमीन पर सरकार का कब्जा:-

सरकार ने पट्टा रद्द करने और जमीन वापस लेने का फैसला किया है, जिसमें वह स्थान भी शामिल है जहां आजम खान का कार्यालय, दारुल अवाम और रामपुर पब्लिक स्कूल स्थित हैं। आजम खान ने पिछली सपा सरकार में अपने रसूख का इस्तेमाल करते हुए शिक्षा विभाग से राजकीय मुर्तजा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की जमीन और भवन का पट्टा करा लिया था। बाद में उन्होंने इस सरकारी जमीन पर अपना पार्टी कार्यालय बना लिया था।

पट्टा उल्लंघन का विवरण:-

2012 के लीज समझौते में यह प्रावधान शामिल था कि आवंटित भूमि पर एक विश्वविद्यालय स्थापित किया जाएगा और एक वर्ष के भीतर चालू किया जाएगा। यह भी स्पष्ट किया गया कि भूमि का उपयोग किसी अन्य उद्देश्य के लिए नहीं किया जाएगा। आज़म खान ने उस ज़मीन पर कब्ज़ा कर लिया, जहाँ उस समय 4,000 छात्र पढ़ रहे थे, लेकिन राज्य में सपा की सरकार होने के कारण अधिकारी कार्रवाई नहीं कर पा रहे थे। अब योगी सरकार के अंतर्गत, सरकारी संपत्ति को हुए नुकसान की जांच के लिए डीएम रवींद्र कुमार मंदार के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया गया है। यह निर्णय सार्वजनिक भूमि और संपत्तियों को पुनः प्राप्त करने के सरकार के प्रयास को दर्शाता है, जिन्हें पिछले प्रशासन के दौरान कथित तौर पर कब्ज़ा कर लिया गया था।

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