बैंगलोर: रामनवमी के बाद हनुमान जयंती के अवसर पर उत्तराखंड, दिल्ली सहित अन्य राज्यों की तरह ही कर्नाटक के हुबली में भी इस्लामिक कट्टरपंथियों ने जमकर हिंसा की थी। रविवार (17 अप्रैल, 2022) को हुई इस हिंसा के बाद राज्य की पुलिस ने दंगाइयों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। इस मामले में AIMIM पार्षद के पति सहित 100 आरोपितों को अरेस्ट किया गया है। इस हिंसा की घटना में एक इंस्पेक्टर सहित चार पुलिसकर्मी बुरी तरह से जख्मी हो गए थे।
हिंसा के बाद हालात के मद्देनज़र हुबली पुलिस स्टेशन इलाके सहित कई जगहों पर धारा 144 लगा दी गई थी। हुबली से पहले इसी प्रकार की हिंसा कोलार जिले में भी भड़की थी। वहाँ मुलबगल इलाके में रामनवमी की शोभा यात्रा के दौरान पथराव किया गया थी, जिसके बाद वहाँ भी तनावपूर्ण हालात बन गए थे। हुबली पुलिस स्टेशन में इस्लामिक कट्टरपंथियों की भीड़ के हमले के बाद राज्य के सीएम बासवराज बोम्मई ने इस घटना को पूरी तरह से एक सुनियोजित साजिश बताया था। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए दंगाइयों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसा करने वालों को ये नहीं भूलना चाहिए कि ऐसे मामलों में पुलिस कड़ी कार्रवाई करेगी। इसके साथ ही सीएम बोम्मई ने लोगों से संयम बरतने का आग्रह करते हुए कहा कि उकसाने वालों पर भी कार्रवाई होगी।
कर्नाटक के हुबली में एक व्हाट्सएप स्टेटस लगाने वाले शख्स के खिलाफ कार्रवाई की माँग को लेकर कट्टरपंथियों की भीड़ थाने के बाहर इकठ्ठा हुई थी। ये उन्मादी भीड़ अचानक से हिंसा पर उतर आई। इसी भीड़ ने पहले थाने पर हमला किया, पुलिस वालों पर पथराव कर कई को घायल कर दिया। इतना ही नहीं हिंसक भीड़ ने वाहनों में भी जमकर तोड़फोड़ की। दरअसल स्थानीय मीडिया के अनुसार, एक युवक ने मस्जिद की तस्वीर को एडिट कर अपना व्हाट्सएप स्टेटस बना दिया था। एडिट पोस्टर में उसने लिखा था कि, 'भगवान श्रीराम एक महान हिंदू सम्राट थे।' यह पोस्टर वायरल होते ही कट्टरपंथी मुस्लिम आगबबूला हो गए। इसके बाद उन्होंने उस युवक पर कार्रवाई की माँग करते हुए थाने और अस्पताल पर पत्थरबाज़ी करना शुरू कर दिया। हालाँकि, युवक को भी अरेस्ट कर लिया गया था।
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