चंडीगढ़: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार को बड़ा झटका देते हुए उस पर 100 करोड़ का जुर्माना लगाया है। NGT ने हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव को पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के लिए मुआवजे के रूप में 100 करोड़ रुपये की राशि जमा करने का आदेश दिया है। जस्टिस आदर्श कुमार गोयल के नेतृत्व वाली बेंच ने हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (HSPCB) के अध्यक्ष के नेतृत्व में नौ सदस्यीय कमेटी का भी गठन किया है।
कन्सेशन एग्रीमेंट के मुताबिक, कमेटी ठेकेदार के काम का मूल्यांकन कर सकती है। इसमें यदि यह पाया जाता है कि ठेकेदार अपने काम को करने में नाकाम रहा है, तो कमेटी उसको बदलने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था कर सकती है। ट्रिब्यूनल ने पाया कि पर्यावरण, स्वास्थ्य और आसपास के वन क्षेत्रों के पास सॉलिड और लिक्विड वेस्ट को लेकर बेहतर प्रबंध कर पाने में नगरपालिका विफल रही है। बते दें कि गुरुग्राम में बांधवारी लैंडफिल साइट है, जहां वर्षों से तक़रीबन 33 लाख मीट्रिक टन ठोस कचरा डंप किया जाता है।
बता दें कि, ट्रिब्यूनल एक केस की सुनवाई कर रहा था, जिसमें कहा गया था कि एक अपशिष्ट प्रबंधन परियोजना विकसित की गई और एक चीनी कंपनी – इको-ग्रीन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड को वर्ष 2017 में कॉन्ट्रैक्ट सौंपा गया था। हालांकि, इसके लिए उठाए गए कदम पर्याप्त नहीं हैं, कचरे को जलाया जा रहा है, जिससे काफी वायु प्रदूषण हो रहा है। इसमें न सिर्फ आसपास के निवासियों प्रभावित करने की क्षमता है, बल्कि असोला भाटी वन्यजीव अभयारण्य में पक्षियों की 193 प्रजातियां, बड़ी तादाद में औषधीय पौधे और 80 से ज्यादा तितलियों की प्रजातियां, काला हिरन, गोल्डर सियार और तेंदुआ शामिल है, जिन पर असर पड़ रहा है।
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