नई दिल्ली: 2019 चुनाव को लेकर भारतीय चुनाव आयोग भी सतर्क हो गया है, लगातार ईवीएम की सत्यता पर उठने के बाद, इसके खिलाफ कार्यवाही की मांगें उठ रही थी. जिसपर निर्णय लेते हुए चुनाव आयोग ने इस बार के आम चुनावों में 100 फीसदी वीवीपीएटी मशीन का इस्तेमाल करने का फैसला सुनाया है. चुनाव आयोग ने कहा है कि आगामी चुनाव की आपूर्ति के लिए 16.15 लाख वीवीपीएटी मशीन की खरीदी प्रक्रिया निरंतर चल रही है और जल्द ही पूरी कर ली जाएगी.
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दरअसल, मीडिया की तरफ से पूछे गए एक सवाल के जवाब में चुनाव आयोग ने यह बयान दिया है. मीडिया ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाए थे कि वीवीपीएटी की आपूर्ति बहुत धीमी गति से हो रही है और यही हाल रहा तो आने वाले आम चुनावों में 100 फीसदी वीवीपीएटी के इस्तेमाल के आयोग के दावे धरे के धरे रह जाएंगे. गौरतलब है कि चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए ईवीएम मशीनों का उपयोग किया जा रहा था, लेकिन विपक्ष द्वारा ईवीएम मशीन पर लगातार उठाए जा रहे सवालों के बाद, चुनाव आयोग ने वीवीपीएटी का इस्तेमाल करने का फैसला लिया था.
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आपको बता दें कि 'वीवीपीएटी मशीन यानी मतदाता-सत्यापन योग्य पेपर ऑडिट ट्रेल' वो मशीन है जी ईवीएम से जोड़ी जाती है, मतदाता जब ईवीएम मशीन में वोट देता है तो उसके बाद इस मशीन में से एक पर्ची निकलती है, जिससे ये सत्यापित होता है कि मतदाता का वोट सही उम्मीदवार को गया या नहीं. इस बार के लोक सभा चुनाव में इसी मशीन का उपयोग होने जा रहा है, ताकि फिर किसी को ईवीएम से परेशानी न हो.
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