वक्फ बोर्ड के विरोध में उतरे 1000 चर्च, दांव पर सैकड़ों ईसाईयों के घर

वक्फ बोर्ड के विरोध में उतरे 1000 चर्च, दांव पर सैकड़ों ईसाईयों के घर
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कोच्ची: वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को लेकर देश भर में विवाद तेज हो गया है। जहां एक ओर मुस्लिम समाज का एक बड़ा हिस्सा और पूरा विपक्ष (तमाम विपक्षी दल) इस बिल का विरोध कर रहा है, वहीं कई हिंदू संगठन इसका समर्थन कर रहे हैं। इसी बीच, केरल में एक नया मामला सामने आया है, जहां एक हजार चर्चों ने वक्फ बोर्ड की कथित मनमानी के खिलाफ मोर्चा खोला है। 

केरल के कोच्चि जिले में मुनंबम और चेराई गांवों के चर्चों का आरोप है कि वक्फ बोर्ड इनकी जमीनों पर अवैध रूप से कब्जा करने की कोशिश कर रहा है। स्थानीय लोग, जिनमें मुख्य रूप से ईसाई परिवार शामिल हैं, दावा कर रहे हैं कि वे अपनी प्रॉपर्टी पर टैक्स जमा कर चुके हैं और उनके नाम पर रजिस्ट्रेशन भी है, तो वक्फ बोर्ड इस पर दावा कैसे कर सकता है। इस मुद्दे को लेकर चर्चों का गुस्सा बढ़ गया है और सैकड़ों ईसाई परिवारों ने भूख हड़ताल भी शुरू कर दी है। इन ईसाई परिवारों की तादाद लगभग 600 बताई जा रही है, जिन्हे वक्फ द्वारा अपना घर-बार छोड़कर चले जाने के लिए कहा गया है। 

चर्च के नेताओं ने इस मामले में राज्य और केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की अपील की है। सिरो-मालाबार चर्च के आर्कबिशप राफेल थाटिल ने मुनंबम मुद्दे को लोकतांत्रिक तरीके से सुलझाने की मांग की है। उन्होंने रविवार को एक हजार चर्चों द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन में भी भाग लिया। वक्फ बोर्ड के दावे को लेकर विरोध का यह सिलसिला तब और बढ़ा जब केरल के वक्फ और हज मंत्री वी अब्दुर्रहीमन ने आश्वासन दिया कि सरकार मुनंबम से किसी को बेदखल नहीं करेगी। उनका कहना था कि यह मुद्दा सांप्रदायिक नहीं है और सरकार इसे हल करेगी। 

दरअसल, कुछ वर्षों पहले कांग्रेस सरकार ने वक्फ बोर्ड को इतनी ताकत दे दी थी कि वो सुप्रीम कोर्ट से भी बड़ा हो गया था। यानी अगर वो किसी जमीन पर हाथ रख दे, तो अदालत भी पीड़ित की मदद नहीं कर सकती। ये सीधा-सीधा संविधान में दिए गए न्याय के अधिकार के खिलाफ था, अगर किसी व्यक्ति के साथ गलत हुआ है, तो कोर्ट उसका न्याय करेगी, लेकिन वक्फ के साथ ऐसा नहीं था। 

अब मोदी सरकार द्वारा वक्फ बोर्ड के अधिकारों को लेकर कानून में कुछ महत्वपूर्ण संशोधन भी प्रस्तावित किए गए हैं। केंद्र सरकार ने वक्फ एक्ट में संशोधन करते हुए वक्फ बोर्ड को संपत्तियों के दावे को सत्यापित करने का आदेश दिया है। अब कोई भी संपत्ति वक्फ संपत्ति के रूप में घोषित करने से पहले सत्यापन प्रक्रिया से गुजरनी पड़ेगी। इस संशोधन का उद्देश्य वक्फ बोर्ड की शक्तियों पर अंकुश लगाना है, ताकि इसे बिना जांचे परखे किसी संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित न किया जा सके।

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