नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रविवार (30 अप्रैल) को अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 100वें एपिसोड को सम्बोधित कर रहे हैं। इस एपिसोड के लिए दुनियाभर में विशेष तैयारियां की गई हैं। यहाँ तक कि, संयुक्त राष्ट्र (UN) के हेडक्वॉटर में भी पीएम मोदी के इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया जा रहा है। गौर करने वाली बात ये है कि, UN में आज तक इस तरह के किसी कार्यक्रम का सीधा प्रसारण नहीं किया गया है। इसके अलावा दुनिया के कई देशों में भी पीएम मोदी को लाइव सुना जा रहा है।
आज के एपिसोड की शुरुआत करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, 'आज 'मन की बात' का 100वां एपिसोड है। मुझे आप सबकी हजारों चिट्ठियां मिली हैं, लाखों सन्देश मिले हैं और मैंने कोशिश की है कि ज्यादा से ज्यादा चिट्ठियों को पढ़ पाऊं, देख पाऊं, संदेशों को जरा समझने की कोशिश करूं।' उन्होंने कहा कि, 'आपके पत्र पढ़ते हुए कई बार मैं भावुक हुआ, भावनाओं से भर गया, भावनाओं में बह गया और खुद को फिर संभाल भी लिया। आपने मुझे 'मन की बात' के 100वें एपिसोड पर बधाई दी है, लेकिन मैं सच्चे दिल से कहता हूं, दरअसल बधाई के पात्र तो आप सब 'मन की बात' के श्रोता हैं, हमारे देशवासी हैं।'
पीएम मोदी ने कहा कि, '3 अक्टूबर 2014 को विजया दशमी का वो पर्व था और हम सबने मिलकर विजया दशमी के दिन 'मन की बात' की यात्रा शुरू की थी। विजया दशमी यानी, बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व, ‘मन की बात’ भी देशवासियों की अच्छाइयों का सकारात्मकता का एक अनोखा पर्व बन गया है। एक ऐसा पर्व, जो हर महीने आता है, जिसका इंतजार हम सभी को होता है।' उन्होंने कहा कि, 'हम इसमें positivity को celebrate करते हैं। हम इसमें people's participation को भी celebrate करते हैं। कई बार यकीन नहीं होता कि 'मन की बात' को इतने महीने और इतने साल गुजर गए। हर एपिसोड अपने-आप में खास रहा।' पीएम मोदी ने कहा कि, मन की बात' में पूरे देश के कोने-कोने से लोग जुड़े, हर आयु वर्ग के लोग जुड़े।
उन्होंने कहा कि, 'मेरे लिए 'मन की बात' ईश्वर रूपी जनता-जनार्दन के चरणों में प्रसाद की थाल की तरह है। 'मन की बात' मेरे मन की आध्यात्मिक यात्रा बन गया है। 'मन की बात' स्व से समिष्टि की यात्रा है। 'मन की बात' अहम् से वयम् की यात्रा है।' उन्होंने कहा कि, 'आज देश में Tourism बहुत तेजी से Grow कर रहा है। हमारे ये प्राकृतिक संसाधन हों, नदियां, पहाड़, तालाब या फिर हमारे तीर्थ स्थल हों, उन्हें साफ़ रखना बहुत ज़रूरी है। ये Tourism Industry की बहुत मदद करेगा।' पर्यटन में स्वच्छता के साथ-साथ हमने Incredible India movement की भी कई बार चर्चा की है। इस movement से लोगों को पहली बार ऐसे कितनी ही जगहों के बारे में पता चला, जो उनके आस-पास ही थीं।
उन्होंने कहा कि, 'मैं हमेशा ही कहता हूं कि हमें विदेशों में Tourism पर जाने से पहले हमारे देश के कम से कम 15 Tourist destination पर जरुर जाना चाहिए और यह Destination जिस राज्य में आप रहते हैं, वहां के नहीं होने चाहिए, आपके राज्य से बाहर किसी अन्य राज्य के होने चाहिए।'
CM केजरीवाल के एक और विधायक को कोर्ट ने माना दोषी, अब्दुल रहमान और उनकी बीवी पर आरोप सिद्ध
लुधियाना: ग्यासपुरा इलाके में गैस लीक होने से 6 की मौत, 10 घायल
हिंदुस्तान की पहली फिल्म बनाने वाले दादा साहेब फाल्के के बारे में कितना जानते हैं आप